
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद अब सभी की नजर प्रधानमंत्री मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत की आगामी मुलाकात पर है। गुड़ी पाड़वा पर 30 मार्च को नागपुर में दोनों हस्तियां पहली बार मंच साझा करेंगे। प्रधानमंत्री माधव सदाशिव गोलवलकर के नाम पर नेत्र अस्पताल का शिलान्यास भी करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को नागपुर का दौरा करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री रेशम बाग स्थित संघ मुख्यालय जा कर संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। बतौर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री सांविधानिक पद पर रहते यह पहला मौका होगा, जब नरेंद्र मोदी संघ मुख्यालय जाएंगे। संघ का कहना है कि इससे पहले पीएम रहते अटल बिहारी वाजपेयी संघ मुख्यालय का दौरा कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक संघ मुख्यालय में पीएम रेशम बाग और दीक्षा भूमि में करीब 20 मिनट समय बिताएंगे।
ऐसा होगा पीएम मोदी का कार्यक्रम
उनका पहला पड़ाव रेशम बाग होगा और दूसरा पड़ाव दीक्षा भूमि होगा। यहां से प्रधानमंत्री दूसरे सरसंघचालक के नाम से बनने जा रहे नेत्र अस्पताल की आधारशिला रखेंगे। इस दौरान उनके साथ मंच पर सर संघचालक मोहन भागवत, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस सहित संघ के कुछ वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। चौथे कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नागपुर के नजदीक एक रक्षा प्रतिष्ठान का दौरा करेंगे और वहां से छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो जाएंगे।
भागवत से हो सकती है संक्षिप्त चर्चा
नागपुर दौरे में पीएम की संघ प्रमुख के साथ संक्षिप्त चर्चा की संभावना है। माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों के बीच राष्ट्रीय महत्व के कुछ विषयों पर चर्चा हो सकती है। हालांकि संघ सूत्रों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। गौरतलब है कि इससे पूर्व पीएम अयोध्या में राम मंदिर संबंधी भूमि पूजन और रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में संघ प्रमुख के साथ सार्वजनिक मंच साझा कर चुके हैं।
अप्रैल में मिल सकता है नया अध्यक्ष रिजिजू-प्रहलाद जोशी की चर्चा
माना जा रहा है कि संघ प्रमुख और पीएम की मुलाकात के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा अप्रैल के पहले सप्ताह में की जा सकती है। इस पद के लिए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और प्रहलाद जोशी के नाम की चर्चा है। रिजिजू बौद्ध समुदाय से होने के साथ पार्टी के पूर्वोत्तर के मजबूत चेहरा हैं। बौद्ध धर्म के प्रति दलितों का आकर्षण रहा है। जोशी कर्नाटक के ब्राह्मण है। चर्चा है कि दक्षिण के राज्यों में विस्तार की संभावना देख रही पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए दक्षिण भारत को भी मजबूत विकल्प के रूप में देख रही है।
पीएम और भागवत की मुलाकात बेहद अहम क्यों
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत की मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब संघ की 21 से 23 मार्च के बीच होने वाली प्रतिनिधि सभा की बैठक संपन्न हो चुकी होगी। इस बैठक में इस साल विजयादशमी के दिन अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरा करने वाला संघ शताब्दी वर्ष की कार्ययोजना तैयार करेगा। इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के साथ धर्मांतरण, जनसंख्या नीति जैसे अहम मुद्दों पर सरकार कार्ययोजना तैयार कर रही है।
2023 में अचानक टल गया था दौरा
पीएम मोदी साल 2023 में नागपुर में राष्ट्रीय केंद्रीय संस्थान का उद्घाटन करने वाले थे। कार्यक्रम की रूपरेखा में तब भी पीएम को संघ प्रमुख के साथ मंच साझा करना था। हालांकि 27 अप्रैल के इस कार्यक्रम में पीएम मोदी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में व्यस्तता के कारण नहीं जा पाए थे। तब उनकी जगह गृह मंत्री अमित शाह को भेजने की योजना बनी। हालांकि अंत में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और संघ प्रमुख भागवत ने एनआईसी का उद्घाटन किया।