
कैसरगंज में शनिवार रात हुई मुठभेड़ में भाड़े पर हत्या करने वाले गिरोह के पकड़े जाने के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ। जांच में सामने आया कि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय कुमार सिंह की हत्या की साजिश उनके ही सगे भाई तरुण सिंह के दामाद आलोक कुमार सिंह ने रची थी। इसके लिए शार्प शूटरों को 10 लाख की सुपारी दी गई थी।
पूर्व विधायक दृगराज सिंह के तीन पुत्र तरुण सिंह, शैलेंद्र और विजय कुमार सिंह थे। पिता की मौत के बाद पुश्तैनी जमीन तीनों भाइयों के नाम दर्ज हुई। इसमें कुछ जमीन संयुक्त नाम से भी थी। कुछ समय पहले तरुण सिंह की मौत हो चुकी है, तरुण के इकलौते पुत्र की भी सड़क हादसे में असमय मृत्यु हो गई थी। इसके बाद तरुण सिंह की पत्नी अपनी बेटी गुड़िया और दामाद आलोक के साथ लखनऊ शिफ्ट हो गए।
लखनऊ में रहते हुए उन्होंने पुश्तैनी जमीन बेचना शुरू किया। इसका विजय कुमार सिंह लगातार विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि जमीन बेचने की बजाय इस्तेमाल की जाए। यही बात तरुण सिंह के दामाद आलोक को नागवार गुज़री।
रंजिश की आड़ में रची साजिश
विजय कुमार सिंह की स्थानीय स्तर पर गढ़ी निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य अजीत सिंह से चुनावी रंजिश भी चल रही थी। दोनों परिवारों में पूर्व में मारपीट और तोड़फोड़ हो चुकी थी। दो दिन पहले ही अजीत सिंह के बेटे और विजय सिंह के बेटे के बीच भिड़ंत हुई थी। पुलिस के मुताबिक इसी विवाद की आड़ लेकर आलोक ने सोचा कि यदि विजय सिंह की हत्या हो जाए तो शक अजीत सिंह पर जाएगा और जमीन बेचने का रास्ता भी साफ हो जाएगा।