
राजधानी में बुधवार देर रात से लेकर बृहस्पतिवार सुबह तक चली धूल भरी आंधी ने हवा को जहरीला कर दिया है। रात से ही धूल की एक मोटी परत ने आसमान को घेर लिया। ऐसे में आसमान पिला दिखा। धूल भरी आंधी के कारण प्रदूषण स्तर अचानक बढ़ गया। इससे सबसे अधिक परेशानी बच्चों व बुर्जुगों को हुई। वहीं, सांस के मरीजों को समस्या का सामना करना पड़ा। सुबह के समय लोग अपने घर से मास्क लगाकर निकले। ऐसे में बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गया। एक्यूआई 292 दर्ज किया। इसमें बुधवार की तुलना में 157 सूचकांक की वृद्धि दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि शनिवार को हवा मध्यम श्रेणी में पहुंचने की संभावना है। इससे लोगों को प्रदूषित हवा से राहत मिलेगी।
बृहस्पतिवार को हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चली। शुक्रवार को हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती है। शनिवार को हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने का अनुमान है। इसके अलावा, रविवार को हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से 18 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती है।
सीपीसीबी के अनुसार, एनसीआर में गुरुग्राम की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां एक्यूआई 316 दर्ज किया गया, जोकि बेहद खराब श्रेणी है। वहीं, ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई सबसे कम दर्ज हुआ। यहां सूचकांक 246 रहा, जोकि मध्यम श्रेणी में है। इसके अलावा, नोएडा में 276 और गाजियाबाद में 278 एक्यूआई दर्ज किया गया।
धूल की एक घनी परत प्रदूषण बढ़ने का कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, पंजाब और हरियाणा के ऊपर चलने वाली तेज पश्चिमी हवा ने पाकिस्तान से आई इस धूल को दिल्ली एनसीआर क्षेत्र तक पहुंचाया। इससे आसपास के इलाकों में धूल की एक घनी परत छा गई, जो प्रदूषण और दृश्यता दोनों में कमी का कारण बनी। ये धूल भरी हवाएं बुधवार की रात से ही चल रही थीं और बृहस्पतिवार की सुबह तक बनी रही। भारतीय उष्णकटिबंधीय मेट्रोलॉजी संस्थान (आईआईटीएम) के अनुसार, बृहस्पतिवार को अनुमानित मिक्सिंग डेप्थ 4500 मीटर रही। इसके अलावा वेंटिलेशन इंडेक्स 30000 वर्ग मीटर प्रति सेकंड दर्ज की गई।