
चार दिनों से जारी ऑपरेशन सिंदूर को समाप्त करने के लिए भारत और पाकिस्तान की तरफ से शनिवार शाम पांच बजे से संघर्ष विराम की घोषणा की गई, लेकिन इसके तीन घंटे बाद ही पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन करते हुए सीमा पार से एलओसी से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी।
सेना और बीएसएफ ने इसका करारा जवाब दिया
भारतीय सेना और बीएसएफ ने इसका करारा जवाब दिया। रात्रि 11 बजे भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पाकिस्तान को संघर्ष विराम उल्लंघन के लिए दोषी करार देते हुए उसे चेतावनी दी कि वह स्थिति की गंभीरता को ठीक तरह से समझे और सीमा पार से होने वाले आक्रमण को रोके।
केंद्र ने सेना को सख्ती से पलटवार करने को कहा
भारत ने अपनी सेना को भी साफ निर्देश दिया है कि वह पाकिस्तान की तरफ से होने वाले किसी भी आक्रमण का पूरी ताकत से जवाब दे। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव के खत्म होने को लेकर जो उम्मीद बंधी थी, वह फिलहाल संदेह के घेरे में है।
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को लेकर सहमति बनने की सबसे पहली घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की। ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य विवाद खत्म कराने का श्रेय भी अमेरिका को दिया और दोनों देशों को बधाई दी, लेकिन भारत का कहना है कि समझौता भारत एवं पाकिस्तान के बीच सीधी वार्ता से हुआ है।
शाम पांच बजे : भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा
इस घोषणा के बाद सैन्य कार्रवाई खत्म करने को लेकर आधिकारिक घोषणा करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, ‘पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) ने शनिवार को भारतीय समयानुसार 3.35 बजे भारत के सैन्य संचालन महानिदेशक से बातचीत की।
दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी कि शनिवार को भारतीय समयानुसार पांच बजे से भूमि, वायु और समुद्र में सभी फायरिंग और सैन्य कार्रवाई को रोक दिया जाएगा। समझौता लागू करने के लिए दोनों पक्षों को निर्देश दे दिए गए हैं। सैन्य संचालन महानिदेशक 12 मई, 2025 को फिर से भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजे वार्ता करेंगे।’
पाकिस्तानी सेना ने तोपखाने से गोलाबारी की
इस घोषणा के तीन घंटे बाद ही पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कई जगहों पर संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन किया। सूत्रों के अनुसार अखनूर, राजौरी और आरएस पुरा सेक्टरों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी सेना ने तोपखाने से गोलाबारी की।बीएसएफ ने पाकिस्तानी रेंजर्स की फायरिंग का पूरी ताकत से जवाब दिया। सेना ने बाद में कहा कि सीमा पर फायरिंग रुक गई है। पाकिस्तान की ओर से श्रीनगर, ऊधमपुर, बारामुला और बड़गाम में बड़ी संख्या में ड्रोन आते हुए देखे गए थे जो बाद में वापस चले गए। इस दौरान जोगवां में आतंकियों ने घुसपैठ की भी कोशिश की।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बोले- आखिर संघर्ष विराम का क्या हुआ
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर सवाल किया, ”आखिर संघर्ष विराम का क्या हुआ? श्रीनगर में विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं!” ड्रोन हमले का वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने कहा, ”यह कोई संघर्ष विराम नहीं है। श्रीनगर में अभी-अभी गोलीबारी की गई है।” हालांकि बाद में उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि यह कोई युद्ध विराम नहीं है।
श्रीनगर के मध्य में हवाई रक्षा इकाइयों ने अभी-अभी गोलीबारी शुरू की है।इसके बाद विदेश सचिव मिसरी ने देर रात एक और प्रेस कान्फ्रेंस की और कहा कि पिछले कुछ घंटों के दौरान दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बनी सहमति का पाकिस्तान की तरफ से कई बार उल्लंघन किया गया है। भारतीय सेना इस पर सही तरीके से जवाबी कार्रवाई कर रही है।
आगे कहा कि हम इस उल्लंघन को काफी गंभीरता से ले रहे हैं। हम पाकिस्तान से अपील करते हैं कि वह इस उल्लंघन को लेकर उचित कार्रवाई करे और इसे गंभीरता व उत्तरदायित्व से ले। भारतीय सैन्य बल पूरी तरह से सतर्क हैं और उन्हें किसी भी तरह के अतिक्रमण पर कठोरता से कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
ट्रंप का दावा- रातभर मध्यस्थता के बाद हुआ संघर्ष विराम
उधर, पाकिस्तान की तरफ से देर रात किए गए उल्लंघन से पहले और मिसरी का आधिकारिक बयान आने से तकरीबन 30 मिनट पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से एक्स पर लिखा गया, ‘अमेरिका की तरफ से मध्यस्थता में रातभर चली बातचीत के बाद मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्ण और तत्काल संघर्ष विराम पर सहमति बन गई है। समझबूझ और जबर्दस्त बुद्धिमता दिखाने के लिए दोनों देशों को बहुत-बहुत धन्यवाद।’
संघर्ष विराम पर सहमति बनाये जाने का पूरा श्रेय ट्रंप प्रशासन को दिया
बाद में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक विस्तृत बयान जारी कर संघर्ष विराम पर सहमति बनाये जाने का पूरा श्रेय ट्रंप प्रशासन को दिया गया। इसमें बताया गया कि विदेश मंत्री रूबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पिछले 48 घंटे में भारत व पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों, विदेश मंत्रियों, पाकिस्तान के सेना प्रमुख और भारत के एनएसए से अलग अलग बात की है।अमेरिका के अतिसक्रिय होने के पीछे की वजह यह मानी जा रही है कि इस हफ्ते ट्रंप प्रशासन का पूरा ध्यान अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता और अमेरिका-ब्रिटेन व्यापार समझौते पर है। ऐसे में अमेरिका ने दक्षिण एशिया के दो परमाणु संपन्न देशों के बीच सैन्य तनाव बढ़ने की खुली छूट देने का जोखिम नहीं लिया।
वार्ता की पेशकश पाकिस्तान के डीजीएमओ की तरफ से हुई थी
हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया, ‘फायरिंग और सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत हुई। शनिवार दोपहर वार्ता की पेशकश पाकिस्तान के डीजीएमओ की तरफ से हुई थी। दोनों में बात हुई और सहमति पर पहुंचा जा सका। अभी किसी और मुद्दे पर, किसी और जगह बात करने को लेकर कोई सहमति नहीं बनी है।’यह साफ करता है कि भारत की सहमति सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर को लेकर है। हाल ही में भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने या पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों की संख्या घटाने या वहां की कई वेबसाइटों पर रोक लगाने जैसे जो फैसले किए हैं, उनको नहीं बदला जा रहा है।
विदेश मंत्री जयशंकर के इस बयान से भी स्पष्ट हुई बात
यह बात विदेश मंत्री जयशंकर के इस बयान से भी स्पष्ट होती है, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच फायरिंग और सैन्य कार्रवाई रोकने को लेकर सहमति बनाने का काम हो गया है। भारत लगातार किसी भी तरह के आतंकवाद के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करने के अपने रुख पर कायम है। हम आगे भी इसी रुख पर अडिग रहेंगे।’इसी तरह से पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने एक्स पर लिखा, ‘भारत और पाकिस्तान तुरंत संघर्ष विराम लागू करने पर तैयार हो गए हैं। पाकिस्तान अपनी संप्रभुता और अखंडता से कोई समझौता किए बगैर हमेशा इस क्षेत्र में शांति व स्थिरता का समर्थन करता रहा है।’
ऑपरेशन सिंदूर सौ से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की सूचना
22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर आतंकी हमले के बाद भारत ने सात-आठ मई की मध्यरात्रि में पाकिस्तान के नौ शहरों में स्थित आतंकी शिविरों पर हमला किया था। इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। इसमें सौ से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की सूचना है। इसके बाद पाकिस्तान के उकसावे पर भारत ने आठ-नौ मई की रात्रि में भी पाकिस्तान के कई ठिकानों पर मिसाइलों व ड्रोन से हमला किया था।
ऑपरेशन सिंदूर का मकसद पूरी तरह से सफल रहा
भारत का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद पूरी तरह से सफल रहा है। न सिर्फ पाकिस्तान स्थित प्रमुख आतंकी ठिकानों को खत्म किया गया है, बल्कि थल, वायु और नौसेना के बीच जबर्दस्त तालमेल का भी परीक्षण हो गया है। भारत ने पाकिस्तान को यह भी साफ कर दिया कि आगे अगर उस पर आतंकी हमला हुआ तो सैन्य कार्रवाई का विकल्प खुला रहेगा।