पहाड़ के 300 फीट नीचे ईरान का परमाणु ठिकाना, अमेरिका देगा इजरायल को ब्रह्मास्‍त्र- बोइंग का Super Bomb

अमेरिका ने साल 2003 में अपनी वायुसेना की शक्ति बढ़ाने के लिए बंकर बस्टर खरीदने की योजना बनाई थी, तब बोइंग कंपनी को GBU-57 A/B मैसिव ऑर्डिनेंस पेनिट्रेटर (MOP) बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था.अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर जहाज के क्रैश होने के बाद बोइंग कंपनी के विमानों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. 12 जून से पहले भी बोइंग विमान बड़े हादसों का शिकार हो चुका है. अब बोइंग कंपनी के जिस एक और प्रोडक्ट ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है, वो है बोइंग बम. 

द इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार करीब दो दशक पहले अमेरिकी वायुसेना के लिए बोइंग बम बनाया गया था. इजरायल-ईरान युद्ध में बोइंग बम की चर्चा इसलिए हो रही है कि हो सकता है कि ईरान की परमाणु साइट्स को उड़ाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाए. ईरान के खिलाफ लड़ाई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुलकर इजरायल का साथ दे रहे हैं, जिसकी वजह से इस जंग में बोइंग के इस्तेमाल होने की चर्चा है.

इजरायल का कहना है कि ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए इजरायल ने ये हमला किया है. खासतौर से उन इलाकों में हमले किए गए, जिन्हें ईरान के बड़े परमाणु संयंत्र के तौर पर देखा जाता है, जैसे नतांज और इस्फहान और अगला लक्ष्य फोर्डो है. इजरायल को पता है कि अगर ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना है तो तेहरान से 125 किलोमीटर दूर कौम शहर के पास पहाड़ से करीब 300 फीट की गहराई में बने फोर्डो फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट को तबाह करना होगा.

फोर्डो प्लांट पर हमला करना इजरायल के लिए उतना आसान नहीं है. इजरायल को फोर्डो प्लांट नष्ट करने के लिए जिन हथियारों की जरूरत है, वो उसके शास्त्रागार में मौजूद नहीं है इसलिए बोइंग बम की चर्चा है. बोइंग बम अमेरिकी वायुसेना के सबसे खतरनाक हथियारों की लिस्ट में शामिल है. बोइंग के GBU-57 A/B मैसिव ऑर्डिनेंस पेनिट्रेटर (MOP) को बंकर बस्टर के तौर पर जाना जाता है. साल 2003 में अमेरिका ने शक्तिशाली बंकर बस्टर खरीदने का फैसला किया था, जो गहराई में जाकर लक्ष्य को तबाह कर सके. अमेरिका की डिफेंस थ्रेट रिडक्शन एजेंसी ने इसकी शुरुआत की और बोइंग को इसकी डिजाइनिंग और मैन्यूफेक्चरिंग का कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया.

कितनी है बोइंग बम की ताकत?
GBU-57 A/B मैसिव ऑर्डिनेंस पेनिट्रेटर अमेरिका की अत्याधुनिक बंकर बस्टिंग टेक्नोलॉजी पर काम करता है. इसका वजन 30,000 पाउंड यानी 13,600 किलोग्राम और लंबाई 20.5 फीट है, जो धरती से नीचे जाकर भी अंडरग्राउंड ठिकानों को तबाह कर सकता है. इसका वजन इतना ज्यादा है कि इसे सिर्फ अमेरिका के B-2 स्प्रिट जैसे बॉम्बर्स में ही फिट किया जा सकता है.

बोइंग बम की ताकत का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि यह किसी चट्टान को 130 फीट तक भेद सकता है, जबकि कंक्रीट वाली सतह को 200 फीट तक भेदने की क्षमता है. इसमें लगा जीपीएस इसे लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करता है.

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