
पहलगाम आतंकी हमले के चश्मदीद सुबोध पाटिल ने कहा कि उस अटैक में महिलाओं को टारगेट नहीं किया, लेकिन उनका सुहाग छीन लिया. उन्हें जीवन भर का दुख दिया. इसका बदला लेना ही था. पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देते हुए भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ट्रेनिंग कैंप ध्वस्त कर दिए. ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई इस कार्रवाई के बाद से पूरे देश में जश्न का माहौल है. भारतीय सेना- जल सेना, थल सेना और वायु सेना ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया और पहलगाम में 26 महिलाओं से उनका सुहाग छीनने वाले आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया.
पाकिस्तान पर हुए इस हमले पर सुबोध पाटिल ने संतुष्टि जताई है. सुबोध पाटिल महाराष्ट्र के रहने वाले हैं और उन पर्यटकों में से एक थे जो 22 अप्रैल 2022 की दोपहर बैसरन घाटी में मौजूद थे, जब आतंकी हमला हुआ. भगवान की कृपा से उनकी जान तो बच गई, लेकिन उनके आसपास मौजूद 26 लोगों के सिर और सीने में आतंकियों ने गोलियां दाग दी थीं. इस हमले से 140 करोड़ देशावसियों की ही तरह सुबोध पाटिल भी आक्रोशित हैं और इंतजार कर रहे थे कि कब हमारी सेना पाकिस्तान को जवाब देगी. आज जब 6-7 मई की दरमियानी रात 1.30 बजे के बाद भारत की सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंप को खत्म कर दिया, तो सुबोध पाटिल ने इसपर संतुष्टि जताई.
‘महिलाओं को टारगेट नहीं किया लेकिन उनका सिंदूर छीन लिया’
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए सुबोध पाटिल ने कहा, “इसका बदला तो हमें लेना ही था. किसी में इसको रोकने की हिम्मत नहीं थी. भारत सरकार एक्शन तो लेगी ही, क्योंकि उस दिन आतंकियों ने महिलाओं को टारगेट तो नहीं किया, लेकिन उनका सुहाग छीन लिया. इसलिए ‘सिंदूर’ का नाम लेकर भारतीय सेना ने एक्शन लिया, बिल्कुल ठीक किया.”
‘ऐसा बदला लें कि दोबारा ये हरकत न करे पाकिस्तान’
सुबोध पाटिल ने कहा, “हम इस कार्रवाई से संतुष्ट हैं. हम खुद वहां मौजूद थे, बस भगवान की कृपा से बच गए. हमारी यही विनती है कि सरकार और सेना पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा एक्शन ले कि दोबारा पाकिस्तान कभी ऐसी हरकत न करे.”