
पंजाब यूनिवर्सिटी में 10 नवंबर को गेट नंबर-1 पर हुए हंगामे को लेकर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। ‘पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा’ के नाम से जुटे छात्रों और बाहरी लोगों ने यूनिवर्सिटी परिसर में जबरन प्रवेश की कोशिश की, जिसके दौरान मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों से तीखी झड़प और धक्का-मुक्की हुई। घटना के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को अनाधिकृत भीड़ घोषित करते हुए कार्रवाई शुरू की। इस जुटान में पंजाब के कई जिलों से आए छात्र, पीयू के विद्यार्थी और विभिन्न संगठनों के लोग शामिल थे। इन पर बीएनएस 2023 की धाराएं 221, 223, 191(2), 190, 115(2), 121(1) और 132 के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं जल्द ही प्रदर्शन में शामिल कई लोगों को नोटिस भेजे जाने और गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू होने की संभावना है।
सेक्टर-31 थाने में नियुक्त एसआई प्रतिभा ने अपने बयान में बताया कि पुलिस ने भीड़ को संभालने की पूरी कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी जबरन यूनिवर्सिटी में दाखिल होने पर अड़े रहे। बार-बार समझाने के बावजूद भीड़ ने पुलिस की बात नजरअंदाज कर दी। मौके पर मीडिया कर्मी और फोटोग्राफर भी मौजूद थे, जिससे माहौल और भड़क गया। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों ने गेट नंबर-1 का ताला तोड़कर बैरिकेड्स हटाने की कोशिश की। इस अफरा-तफरी में एसपी सोंधी, सेक्टर-17 थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रोहित कुमार, आरसीटी विपिन शर्मा समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए।
एफआईआर में यह भी उल्लेख है कि प्रदर्शनकारियों ने न केवल पुलिस के काम में बाधा डाली, बल्कि सरकारी ड्यूटी में दखल देकर कानून-व्यवस्था को चुनौती दी। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज, वीडियो और फोटो की जांच कर रही है ताकि शामिल व्यक्तियों की पहचान की जा सके।



