पंजाब भर के बस अड्डे आज रहेंगे बंद

ठेका कर्मचारियों को पक्का करने की लम्बे समय से चली आ रही मांग को लेकर संघर्ष कर रही पनबस-पी.आर.टी.सी. यूनियन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वक्ताओं ने कहा कि सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियां जगजाहिर हो रही है जिसके चलते वह रोष प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। इसी क्रम में 23 अक्तूबर को सुबह 10 से 12 बजे तक पंजाब के सभी बस अड्डे बंद करके रोष प्रर्दशन किया जाएगा।

यूनियन के प्रधान रेशम सिंह गिल, मीत प्रधान हरकेश कुमार विक्की, महासचिव शमशेर सिंह ढिल्लों ने कहा कि आज चंडीगढ़ में ट्रांसपोर्ट मंत्री के साथ मीटिंग होने वाली थी, जिसे लेकर वह उत्साहित थे, लेकिन ट्रांसपोर्ट मंत्री मीटिंग में नहीं पहुंचे जिसके चलते उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। वक्ताओं ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद हर बार यूनियन को अंधेरे में रखने को कोशिश की जा रही है, लंबित मांगों को पूरा करने के प्रति कोई कदम नहीं उठाए जा रहे जिसके चलते यूनियन में रोष बढ़ता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कई बार कर्मचारियों को वेतन देने के लिए फंड भी उपलब्ध नहीं होता, जिसके चलते उन्हें कई-कई दिनों तक वेतन का इंतजार करना पड़ता है। चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि यदि तुरंत प्रभाव से उनकी मांगों को हल करने के प्रति कदम नहीं उठाए गए तो अगले उप-चुनावों में सरकार का विरोध जताया जाएगा और संबंधित विधानसभा हलकों में रोष रैलियां की जाएगी। शमशेर सिंह ढिल्लों ने कहा कि सरकार द्वारा पक्का करने की मांग प्रति गंभीरता नहीं दिखाई जा रही। सढिल्लों ने कहा कि 23 अक्तूबर को पंजाब के सभी 27 डिपुओं में सुबह 10 से 12 बजे तक सरकार विरोधी रोष प्रदर्शन करते हुए बस अड्डे बंद रखे जाएंगे।

जी.एस.टी. का 25 करोड़ कर्मचारियों पर खर्च किया हो
यूनियन नेताओं ने कहा कि पनबस-पी.आर.टी.सी. में आऊटसोर्स के जरिए कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही है व इसके लिए प्रति वर्ष 25 करोड़ से अधिक की राशि जी.एस.टी. के तौर पर खर्च हो जाती है। सरकार कर्मचारियों को सीधा भर्ती करके जी.एस.टी. की राशि बचाकर उसे कर्मचारियों की भलाई पर खर्च करे।

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