
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को जितना नुकसान पहुंचाया है वह उसे सबक सिखाने के लिए पर्याप्त है लेकिन अभी युद्ध समाप्त नहीं हुआ है। फौज की तैयारी लगातार जारी है और पहले से ज्यादा भारी है। पाकिस्तान को जो जख्म दिए हैं, उम्मीद है कि अब वह कभी भारत को नुकसान पहुंचाने की हिमाकत नहीं करेगा। अब अगर फिर दुस्साहस किया तो सेना का जवाब ज्यादा खतरनाक होगा। 1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध की हीरक जयंती के अवसर पर चंडीमंदिर कैंटोनमेंट में आयोजित एक कार्यक्रम में वेस्टर्न कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने यह बात कही।
उन्होंने कहा-केंद्र सरकार भी स्पष्ट कर चुकी है कि हम शांति के पक्षधर हैं और रहेंगे मगर दुश्मन की नापाक हरकतें बंद न हुईं तो छोड़ा नहीं जाएगा। पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर की टू नेशन थ्योरी को सिरे से खारिज करते हुए कटियार ने कहा-वह बांटने और भड़काने के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं। सेना भी सांप्रदायिकता को बड़ी चुनौती मानती है मगर भारतीय सेना का धर्म क्या है, वह अगली बार हमारे जवान पाकिस्तान को जरूर बता देंगे। साल 1965 में भी हमने पाकिस्तान के भीतर जाकर मारा था और साल 2025 में भी हमने काफी भीतर जाकर मारा है। अब तो पाकिस्तान को समझ जाना चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर पर राजनीति आलोचनाओं के सवाल पर कटियार ने कहा, सेना को किसी भी राजनीति आलोचनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता। हम आलोचनाओं के आधार को जरूर देखते हैं, जहां कमी-कमजोरी हो उसे दूर कर लेते हैं लेकिन निराधार आलोचनाओं को सेना नजरअंदाज कर देती है।
सेना में चल रहा ड्रोन क्रांति का दौर
कमांडर कटियार ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने सेना को सिखा दिया है कि फ्यूचर वार के लिए तकनीक और मशीन दोनों जरूरी है। सीनियर अफसरों का तुजुर्बा और बॉर्डर पर युवा जवानों का जज्बा ही जीत का आधार बनता है। सेना अब जवानों के टैलेंट का इस्तेमाल कर रही है। विभिन्न यूनिटों के जवान ड्रोन बना रहे हैं। इस वक्त भारतीय सेना में ड्रोन क्रांति का दौर चल रहा है। युवाओं को भी सेना से जोड़ने के लिए विभिन्न स्कूलों व कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करवाए जा रहा है।