‘नेताओं को सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाले बयान नहीं देने चाहिए’, राणे के बयान पर बोले अजित पवार

अजित पवार ने कहा कि ‘कुछ लोग, दोनों राजनीतिक पक्षों से, कई बार ऐसे बयान दे देते हैं, जो महाराष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए हानिकारक हैं। अतीत में राज्य के नेताओं ने हमेशा सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का प्रयास किया है और यहां विभिन्न समुदाय शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में रहे हैं।’

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने अपने एक बयान में कहा है कि नेताओं को सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाले बयान नहीं देने चाहिए। एनसीपी के प्रमुख अजित पवार ने यह टिप्पणी अपनी ही सरकार के मंत्री नीतेश राणे के बयान पर की और उन्होंने नीतेश राणे के बयान को गुमराह करने वाला बताया। अजित पवार ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसे बयान नहीं दिए जाएं, जो सांप्रदायिक तनाव पैदा करें।

क्या बोले अजित पवार
दरअसल भाजपा नेता नीतेश राणे ने हाल ही में अपने एक बयान में दावा किया कि मुस्लिम छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना का हिस्सा नहीं थे। बुधवार को अजित पवार कराड में राज्य के पहले सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता यशवंतराव चव्हाण की जन्म वर्षगांठ के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे। इस दौरान जब उनसे नीतेश राणे के बयान को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘कुछ लोग, दोनों राजनीतिक पक्षों से, कई बार ऐसे बयान दे देते हैं, जो महाराष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए हानिकारक हैं। अतीत में राज्य के नेताओं ने हमेशा सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का प्रयास किया है और यहां विभिन्न समुदाय शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में रहे हैं।’

नीतेश राणे के बयान को बताया गुमराह करने वाला
अजित पवार ने कहा कि ‘एक संप्रभु राज्य की नींव रखते हुए शिवाजी महाराज ने कभी भी किसी के साथ जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया। राजनेता, फिर चाहे वो सरकार में हों या फिर विपक्ष में, उन्हें सावधानी से बयान देने चाहिए ताकि सांप्रदायिक तनाव न बढ़े।

महाराष्ट्र देशभक्त मुस्लिमों का घर है। ऐसे सबूत हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में कई मुस्लिम अहम भूमिका में रहे। जिनमें गोला बारूद विभाग की देखरेख का काम भी शामिल था।’ अजित पवार ने नीतेश राणे के बयान को गुमराह करने वाला बताया और कहा कि उन्हें ये समझ नहीं आया कि इस बयान को देने का मकसद क्या था।

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