दिल्ली: हाईकोर्ट ने कहा- अवैध निर्माण गिराने के तरीकों में सुधार करे एमसीडी

पीठ ने कहा कि इस अदालत ने एमसीडी आयुक्त से सीलिंग और तोड़फोड़ के तरीकों को बदलने के लिए बार-बार कहा है। हालांकि, ऐसा लगता है कि जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं बदला है।

हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को अनाधिकृत निर्माण को सील करने और ध्वस्त करने के तरीकों में सुधार करने का निर्देश दिया है। अदालत ने इस संबंध में एमसीडी के आयुक्त को एक व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। कहा, इसमें बताया जाए कि निकाय योजना कैसे बना रहा है। अदालत ने शहर में अवैध निर्माण के खतरे को विनियमित करने के अपने तरीकों को बदलने के लिए बार-बार दिए आदेशों का पालन करने में एजेंसी की विफलता पर भी नाराजगी व्यक्त की।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायाधीश तुषार राव गेडेला की पीठ ने कुछ तस्वीरों को देखने के बाद एमसीडी आयुक्त को एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। इन तस्वीरों में था कि एजेंसी अभी भी धागे के माध्यम से इमारतों को सील कर रही थी। पीठ ने एमसीडी के वकील से कहा उनका विभाग सुधारने योग्य नहीं है। हर चीज एक उद्योग नहीं हो सकती। समस्या निकाय के अंत में है। यह किसी और के अंत में नहीं है। एमसीडी अपने तरीके नहीं बदलती।

पीठ ने कहा इस अदालत ने एमसीडी आयुक्त से सीलिंग और तोड़फोड़ के तरीकों को बदलने के लिए बार-बार कहा है। हालांकि, ऐसा लगता है कि जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं बदला है। एमसीडी आयुक्त को एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करना चाहिए, जिसमें बताया जाए कि एमसीडी सीलिंग और तोड़फोड़ की प्रक्रिया को कैसे सुधारेगी। अदालत ने राहुल कुमार की ओर से दायर एक याचिका पर यह निर्देश दिया।

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