दिल्ली मेट्रो: गोल्डन लाइन मेट्रो कॉरिडोर पर टनल का निर्माण पूरा

दिल्ली मेट्रो के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अनुज दयाल ने बताया कि शनिवार सुबह छतरपुर मंदिर स्टेशन पर 860 मीटर लंबी टनल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया। एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर के हिस्से में इस खंड पर ऊपर और नीचे की आवाजाही के लिए दो समानांतर गोलाकार टनल का निर्माण किया गया है।

मेट्रो फेज-4 में निर्माणाधीन गोल्डन लाइन पर टनल का निर्माण कार्य पूर कर लिया गया है। तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर पर छतरपुर और छतरपुर मंदिर स्टेशन के बीच 860 मीटर लंबी टनल तैयार की गई है।

दिल्ली मेट्रो के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अनुज दयाल ने बताया कि शनिवार सुबह छतरपुर मंदिर स्टेशन पर 860 मीटर लंबी टनल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया। एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर के हिस्से में इस खंड पर ऊपर और नीचे की आवाजाही के लिए दो समानांतर गोलाकार टनल का निर्माण किया गया है।

दूसरी समानांतर टनल का निर्माण कार्य 21 अगस्त को पूरा कर लिया गया था। यह टनल 12 मीटर की औसत गहराई पर है। सुरंग में लगभग 613 रिंग लगाए गए हैं, जिनका आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है। टनल निर्माण कार्य में कई चुनौतियां आईं। इस दौरान 66 केवी विद्युत एचटी लाइन को स्थानांतरित करना और येलो लाइन पर ट्रेन संचालन को बाधित किए बिना निर्माण कार्य पूरा करना शामिल था।

टनल का निर्माण ईपीबीएम (अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड) तकनीक का इस्तेमाल कर किया गया है। इसमें प्रीकास्ट टनल रिंग से बनी कंक्रीट लाइनिंग है। इन टनल रिंग को मुंडका में मशीनीकृत कास्टिंग यार्ड में कास्ट किया गया था। इस मौके पर डीएमआरसी के एमडी डॉ. विकास कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

40.109 किमी भूमिगत लाइनों का चल रहा निर्माण
अधिकारियों के अनुसार, मेट्रो के फेज-4 के तहत निर्माणाधीन तीन कॉरिडोर के लिए 40.109 किलोमीटर भूमिगत लाइनों का निर्माण किया जा रहा है। एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर में कुल 19.343 किलोमीटर भूमिगत खंड हैं। भूमिगत टनल के निर्माण के लिए मेट्रो टीबीएम का उपयोग कर रही है। यह मशीन भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में भूमिगत टनल बनाने के काम के उपयोग में लाई जाती है। मेट्रो पहले फेज के कॉरिडोर के निर्माण से ही टीबीएम का उपयोग कर रही है।

Related Articles

Back to top button