दिल्ली की हवा सुधारने के लिए डीडीए का मेगा ग्रीन प्लान तैयार

दिल्ली की बिगड़ी हवा को सुधारने के लिए डीडीए ने हरियाली बढ़ाने का मेगा प्लान तैयार किया है। हवा में तैरती धूल, पीएम10 और पीएम 2.5 जैसे महीन कणों को कम करने के लिए एजेंसी ने पार्कों, खाली मैदानों, सूखे इलाकों और नालों के किनारे ग्रीन बेल्ट विकसित करने की मेगा परियोजना शुरू की है।

दिल्ली में धूल, पीएम10 और पीएम 2.5 जैसे कण लोगों की सेहत को सीधे नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसी खतरे को कम करने के लिए एलजी और सीएम ने एजेंसियों को टास्क सौंपे हैं। डीडीए को राजधानी के कई इलाकों में ग्रीन कवर बढ़ाकर प्रदूषण कम करने की जिम्मेदारी मिली है। इसी के तहत डीडीए ने 86.84 लाख रुपये की पांच परियोजनाएं शुरू की हैं।

पहले चरण में डीडीए ने पांच इलाकों को चुना है। इन जगहों पर हरियाली बढ़ाने, पुराने पार्कों को सुधारने, सूखी जमीन को फिर से हराभरा करने और नालों के किनारे धूल रोकने के लिए हरित पट्टी विकसित करने का काम होगा। इन परियोजनाओं के लिए कुल 86,84,956 रुपये की मंजूरी मिली है। इस बजट से मिट्टी, यमुना रेत, घास, पौधे, गमले, और एसटीपी के पानी की आपूर्ति जैसे काम किए जाएंगे। जहां एसटीपी जल उपलब्ध नहीं होगा, वहां सिंचाई के लिए टैंकर लगाए जाएंगे ताकि जमीन सूखने न पाए और धूल उड़ने की समस्या कम हो।

इन पांच परियोजनाओं से बदलेगी सूरत
पहली परियोजना तुगलकाबाद और कालकाजी एक्सटेंशन में लागू होगी। इसमें ग्रीन एरिया तैयार होगा। पुराने पिकनिक हट की मरम्मत होगी और आसपास की जमीन पर नई मिट्टी डालकर घास और पौधे लगाए जाएंगे। इलाके की सूखी जमीन से उड़ने वाली धूल खत्म की जाएगी।
दूसरी परियोजना भगवान दास रोड पर अधिकारी फ्लैट्स के आसपास चलेगी। यहां मौसमी पौधों और सजावटी गमलों के जरिए हरियाली बढ़ाई जाएगी, जिससे यह क्षेत्र फिर से आकर्षक और सुरक्षित बने।
तीसरी परियोजना लाजपत नगर और पंत नगर के नालों के किनारे होगी। इन इलाकों में नालों के किनारे हरित पट्टी तैयार की जाएगी, धूल और बदबू से राहत मिलेगी। एसटीपी जल से यहां सिंचाई की जाएगी और हरियाली बढ़ाई जाएगी।
चौथी परियोजना कालकाजी और ओखला फेज-2 के सूखे इलाकों की है। यहां लंबे समय से सूखे पड़े पार्कों और खाली जमीन को फिर से हरा-भरा किया जाएगा। पेड़ों को पानी देने और घास लगाने के लिए नियमित टैंकर भेजे जाएंगे। यहां औद्योगिक और आवासीय मिश्रित क्षेत्रों में ग्रीन कवर बढ़ेगा।
पांचवीं परियोजना दक्षिणीपुरी और अंबेडकर नगर के बच्चों के पार्कों के लिए है। इसमें घास और पौधों की हालत लंबे समय से खराब है। एसटीपी जल से सिंचाई कर पार्क को फिर से हरा-भरा बनाया जाएगा।

ग्रीन एनर्जी, फ्लाईओवरों के सौंदर्यीकरण और स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगी रफ्तार
प्रदूषण को कम करने, फ्लाईओवरों, सड़कों के रीडिजाइन, अस्पताल में जरूरी उपकरण, विभिन्न इलाकों में वाटर एटीएम लगाने के लिए इंडियन ऑयल दिल्ली सरकार साथ काम करेंगे। बुधवार को सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ ऐसे पांच महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग के लिए करार किया है।

दिल्ली को संवारने के लिए सरकार को एक और बड़े पीएसयू का साथ मिला है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि प्रदूषण नियंत्रण व विकसित दिल्ली के सभी साथ मांगा है। इसके लिए जनभागीदारी और बड़ी कंपनियों को आगे आना होगा। इसी क्रम में सचिवालय में कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, डॉ. पंकज कुमार सिंह, विभिन्न विभागों के अधिकारियों और आईओसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एमओयू साइन हुआ है।

राजधानी में तेज, प्रभावी और नागरिक हित में ये फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा,सरकार देश की छवि को मजबूत करेगी और कई साल की समस्याएं भी खत्म करेगी। मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि समझौते के तहत पीडब्ल्यूडी शहर के महत्वपूर्ण फ्लाईओवरों के सौन्दर्यीकरण और सुधार करेगा।

पांच फ्लाईओवरों का होगा सौंदर्यीकरण
एमओयू के अंतर्गत दिल्ली के पांच फ्लाईओवरों और एक सड़क का सौंदर्यीकरण होगा। आईआईटी दिल्ली फ्लाईओवर, पंचशील फ्लाईओवर, पंजाबी बाग फ्लाईओवर, चिराग दिल्ली फ्लाईओवर, मुकरबा चौक और अरविंदो मार्ग की 500 मीटर की सड़क शामिल रहेगी। इसके तहत लोकनायक अस्पताल में एमआरआई और सीटी स्कैन मशीन लगेगी। दिलशाद गार्डन के दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में हाई एनर्जी लीनियर एक्सेलरेटर स्थापित किया जाएगा।

आठ जगह लगाए जाएंगे वॉटर एटीएम
शहर में आठ स्थानों पर वॉटर एटीएम लगाए जाएंगे, जिनमें 5 स्टेज फिल्ट्रेशन प्रणाली होगी। हर घंटे 2,000 लीटर शुद्ध आरओ का जल मिलेगा। तीन डीटीसी डिपो में आधुनिक एनर्जी हब स्थापित करेंगे, जिनमें अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा होगा। बड़े स्तर पर दिल्ली के परिवहन में सुधार होगा। साथ में पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा और ग्रीन प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए 250 डीटीसी इलेक्ट्रिक बसों पर ब्रांडिंग भी की जाएगी।

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