
दक्षिणी दिल्ली के ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए CM रेखा गुप्ता ने सवीत्री सिनेमा से मोदी मिल फ्लाईओवर तक पुनर्विकास परियोजना को मंजूरी दे दी है. जानिए किन क्षेत्रों को मिलेगी राहत. दिल्ली में लगने वाली गाड़ियों की लंबी कतार से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है. दक्षिणी दिल्ली के बाहरी रिंग रोड पर ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक लंबे समय से लंबित पुनर्विकास परियोजना को हरी झंडी दे दी है.
यह परियोजना सवीत्री सिनेमा जंक्शन से लेकर मोदी मिल फ्लाईओवर तक के महत्वपूर्ण हिस्से को डिकंजेस्ट करने के लिए बनाई गई है. हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में इस योजना को स्वीकृति दी गई, और इसे लागू करने के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता मिलने की संभावना जताई जा रही है.
कहां से कहा तक बनेगा फ्लाईओवर?
इस योजना के तहत लोक निर्माण विभाग (PWD) सवीत्री सिनेमा जंक्शन पर मौजूदा फ्लाईओवर के समानांतर एक और फ्लाईओवर बनाएगा, जिससे ग्रेटर कैलाश से नेहरू प्लेस तक का आवागमन सरल और निर्बाध हो सकेगा.
इसके अलावा, मोदी मिल फ्लाईओवर को कालकाजी फ्लाईओवर से जोड़ने के लिए ओखला मंडी के पास की ट्रैफिक लाइट को हटाया जाएगा. अभी की स्थिति में चिराग दिल्ली फ्लाईओवर से उतरने के बाद नेहरू प्लेस जाने वाले वाहन तीन दिशाओं में बंटते हैं, जिससे ट्रैफिक स्लो हो जाता है.
₹411.97 करोड़ की लागत से होगा पुनर्विकास
इस परियोजना को यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर (UTTIPEC) और दिल्ली अर्बन आर्ट कमीशन (DUAC) की स्वीकृति मिल चुकी है, जिससे इसके कार्यान्वयन की प्रक्रिया को गति मिल सकेगी. पीटीआी के अनुसार, अनुमान है कि सवीत्री सिनेमा से मोदी मिल फ्लाईओवर तक सड़क नेटवर्क और कॉरिडोर सुधार की कुल लागत लगभग ₹411.97 करोड़ होगी. यह क्षेत्र ग्रेटर कैलाश-2, सुबुद्ध विहार, चित्तरंजन पार्क, कालकाजी मंदिर, नेहरू प्लेस, पंपोश एन्क्लेव और आस-पास के इलाकों को जोड़ता है, जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है.
फिलहाल सवीत्री सिनेमा फ्लाईओवर, जिसे 2001 में सिर्फ एकतरफा मार्ग के रूप में बनाया गया था, नेहरू प्लेस से IIT दिल्ली की ओर जाने का रास्ता प्रदान करता है.
पिछले साल सराय काले खां ISBT के पास भी इसी प्रकार का फ्लाईओवर बनाकर जाम की स्थिति को कम किया गया था. अब इस नई परियोजना से यह उम्मीद जताई जा रही है कि दक्षिणी दिल्ली के एक अत्यंत व्यस्त और महत्वपूर्ण ट्रैफिक कॉरिडोर को काफी हद तक राहत मिलेगी.