दिल्ली: आप पार्षदों के भाजपा में शामिल होने से वार्ड समितियों के समीकरण बदले

पांच पार्षदों के भाजपा में आने से उसका नरेला व मध्य वार्ड समिति में भी बहुमत हो गया है। नरेला वार्ड समिति में भाजपा व आदमी पार्टी के पार्षदों की संख्या बराबर थी, जबकि मध्य वार्ड समिति में किसी भी दल का बहुमत नहीं था।

आम आदमी पार्टी के पांच पार्षदों के भाजपा में शामिल होने से एमसीडी की वार्ड समितियों के समीकरण बदल गए है। इन पांच पार्षदों के भाजपा में आने से उसका नरेला व मध्य वार्ड समिति में भी बहुमत हो गया है। नरेला वार्ड समिति में भाजपा व आदमी पार्टी के पार्षदों की संख्या बराबर थी, जबकि मध्य वार्ड समिति में किसी भी दल का बहुमत नहीं था। इस वार्ड समिति में जीत की चाबी कांग्रेस के हाथ में थी। भाजपा व आम आदमी पार्टी का पांच-पांच वार्ड समितियों में बहुमत था। इस तरह अब भाजपा का एमसीडी की 12 वार्ड समितियों में से सात वार्ड समितियों में बहुमत हो गया, जबकि आम आदमी पार्टी का पांच वार्ड समितियों में ही बहुमत है।

भाजपा में शामिल हुए आम आदमी पार्टी के पांच पार्षदों में से दो पार्षद नरेला वार्ड समिति व तीन पार्षद मध्य वार्ड समिति का हिस्सा है। नरेला वार्ड समिति में अब भाजपा के 12 पार्षद हो गए है, इनमें चार मनोनीत पार्षद शामिल है, जबकि आम आदमी पार्टी के आठ पार्षद ही रह गए है। वहीं मध्य जोन में भाजपा के पार्षदों की संख्या दो मनोनीत पार्षदों के समेत 15 हो गई है। वहीं आम आदमी पार्टी के पार्षदों की संख्या घटकर 10 रह गई है, जबकि दो पार्षद कांग्रेस के है। इस तरह इन दोनों वार्ड समितियों के चुनाव में भाजपा के पार्षदों का अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व स्थायी समिति का सदस्य चुना जाना तय है।

भाजपा का नजफगढ़, सिविल लाइन, केशवपुरम, शाहदरा दक्षिणी व शाहदरा उत्तरी वार्ड समिति में पहले से ही बहुमत था। जबकि आम आदमी पार्टी का रोहिणी, पश्चिमी, सदर पहाड़गंज, करोल बाग व दक्षिणी वार्ड समिति में बहुमत है। लिहाजा पार्षदों के दल न बदलने की स्थिति में इन वार्ड समितियों में भाजपा व आम आदमी पार्टी के पार्षद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व स्थायी समिति के सदस्य निर्वाचित होने निश्चित है।

चुनाव के दौरान चार वार्ड समितियों में हावी थी भाजपा
दिसंबर 2022 में एमसीडी चुनाव का परिणाम आने के दौरान 12 वार्ड समितियों में से भाजपा को चार वार्ड समितियों में ही बहुमत मिला था, जबकि आम आदमी पार्टी का उससे दोगुना अधिक आठ वार्ड समितियों में बहुमत था। इस बीच उपराज्यपाल की ओर से एमसीडी में 10 पार्षद मनोनीत किए, इनमें चार-चार नरेला व सिविल लाइन वार्ड समिति और दो मध्य वार्ड समिति के इलाके के निवासी है।

यह सभी 10 मनोनीत पार्षद भाजपा से जुड़े हुए है। इस तरह आम आदमी पार्टी का आठ से घटकर पांच वार्ड समिति में ही बहुमत रह गया, जबकि भाजपा का बहुमत बढ़कर पांच वार्ड समितियों में हो गया। नरेला वार्ड समिति में दोनों दलों के पार्षदों की संख्या बराबर हो गई और मध्य वार्ड समिति में किसी भी दल के पास बहुमत नहीं रहा।

भाजपा के लिए स्थायी समिति में मंजिल दूर
आम आदमी पार्टी के पांच पार्षद आने पर वार्ड समितियों में भाजपा का बहुमत अधिक होने के बावजूद स्थायी समिति में उसके लिए मंजिल दूर है। दरअसल स्थायी समिति में 18 सदस्य होते है और बहुमत के लिए 10 सदस्यों की आवश्यकता होती है। मगर वर्तमान में एमसीडी में दलगत स्थिति के तहत स्थायी समिति में भाजपा के नौ सदस्य ही होंगे।

उसके सात सदस्य वार्ड समितियों से चुने जाएगे और सदन से चुने गए सदस्यों में उसके दो सदस्य है, जबकि सदन से चुने गए सदस्यों में आम आदमी पार्टी के तीन सदस्य है। भाजपा सदस्य कमलजीत सहरावत के पश्चिमी दिल्ली सेे सांसद चुने जाने के कारण एक पद रिक्त है।

सदन से स्थायी समिति के चुनेे जाने वालेे एक सदस्य के रिक्त स्थान के उपचुनाव में एमसीडी में सत्तारूढ़ आप के पार्षद का चुना जाना तय है। इसी तरह आम आदमी पार्टी के पांच सदस्य वार्ड समितियों से चुने जाएंगे और उसे चार सदस्य सदन से मिलेंगे। लिहाजा दोनों दलों के सदस्यों की संख्या बराबर होने के कारण स्थायी समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव में जीत का निर्णय ड्रा के माध्यम से होगा। इस तरह दोनों में से किसी भी पार्टी का उम्मीदवार जीत सकता है।

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