दिल्ली: आज पेश और पारित होगा निगम का बजट

खास बात यह है कि बृहस्पतिवार को ही सदन में बजट पास भी किया जाएगा, क्योंकि 15 फरवरी तक बजट को पारित करना अनिवार्य है। इस दौरान बजट प्रस्तावों में कुछ संशोधन किए जाने की संभावना है।

एमसीडी के आयुक्त अश्वनी कुमार बृहस्पतिवार को वर्ष 2024-25 के संशोधित और वर्ष 2025-26 के अनुमानित बजट को सदन में प्रस्तुत करेंगे। खास बात यह है कि बृहस्पतिवार को ही सदन में बजट पास भी किया जाएगा, क्योंकि 15 फरवरी तक बजट को पारित करना अनिवार्य है। इस दौरान बजट प्रस्तावों में कुछ संशोधन किए जाने की संभावना है। सदन की बैठक में बृहस्पतिवार को केवल टैक्स, फीस और शुल्क दरें ही तय की जाएगी। खर्च करने से जुड़े मदों में अभी राशि में कमी या फिर बढ़ोतरी नहीं होगी। इस बारे में 31 मार्च से पहले परिवर्तन किया जाएगा।

एमसीडी का यह बजट राजधानी की सफाई व्यवस्था, कूड़ा प्रबंधन, बुनियादी सुविधाओं और विकास कार्यों को प्राथमिकता देने वाला है। इस बार बजट में किसी भी प्रकार का नया कर लगाने या मौजूदा करों में वृद्धि करने से परहेज किया है, जिससे दिल्ली के नागरिकों को राहत मिलेगी। पिछले कुछ वर्षों में एमसीडी को वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार बजट में विभिन्न विकास कार्यों के लिए समुचित राशि का प्रावधान किया गया है।

आयुक्त अश्वनी कुमार की ओर से बजट प्रस्तावों में किसी भी प्रकार का नया टैक्स लगाने का प्रस्ताव लाने की संभावना नहीं है और न ही मौजूदा टैक्स दरों में कोई बढ़ोतरी की जाएगी। इसके अलावा गांवों में विकास कार्यों को गति देने के लिए विशेष योजना बनाई है। बजट में उन सभी योजनाओं के लिए भी राशि आवंटित की गई है, जिन्हें पूर्व में कूड़ा प्रबंधन और मेयर निधि में शामिल कर दिया गया था।

स्थायी समिति और वार्ड समितियों के लिए विशेष बजट
एमसीडी में स्थायी समिति और वार्ड समितियों के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पर्याप्त बजट आवंटित किया गया है। वार्ड समितियों के अध्यक्षों और उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले विकास कार्यों के लिए भी धनराशि सुनिश्चित की गई है। यह फैसला एमसीडी को स्थानीय स्तर पर अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करने में मदद करेगा।

मेयर फंड में 500 करोड़ का आवंटन
बजट में मेयर फंड के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो पिछले वर्ष के बराबर है। पहले यह फंड मात्र 10 करोड़ रुपये था, लेकिन बीते साल इसे बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये किया गया था। इस फंड का उपयोग दिल्ली में स्वच्छता अभियान को गति देने, सड़कों की मरम्मत और अन्य जरूरी कार्यों में किया जाएगा।

कूड़ा प्रबंधन बनी प्राथमिकता
दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन एक गंभीर समस्या बनी हुई है और एमसीडी इसे अपनी प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल कर रहा है। इस बार के बजट में कूड़ा प्रबंधन मद में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की गई है, बल्कि इसे और अधिक मजबूत करने के लिए अतिरिक्त राशि की व्यवस्था की गई है। इसके तहत कूड़ा निस्तारण की नई योजनाओं को लागू करने और सफाई व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।

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