
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष संतोष सहनी ने मंगलवार को कहा कि वह दरभंगा जिले की गौड़ाबौराम विधानसभा सीट के चुनाव अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार अफजल अली खान की उम्मीदवारी पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद के लिखित अनुरोध के बावजूद रद्द नहीं की गई।
लालटेन से अफजल, VIP से संतोष
राजद ने प्रारंभ में गौड़ाबौराम सीट से अफजल अली खान को पार्टी का चुनाव चिह्न दिया था, लेकिन बाद में यह सीट गठबंधन सहयोगी वीआईपी के लिए छोड़ दी गई। इसके बाद वीआईपी ने पार्टी संस्थापक मुकेश सहनी के छोटे भाई संतोष साहनी को उम्मीदवार बनाया। हालांकि, अफजल अली खान ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया, जिससे स्थिति जटिल हो गई। लालू प्रसाद ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को पत्र लिखकर खान की उम्मीदवारी को “अमान्य” मानने का आग्रह किया था, लेकिन चुनाव अधिकारियों ने इसे स्वीकार नहीं किया।
VIP प्रमुख संतोष सहनी ने उठाए चुनाव आयोग पर सवाल
संतोष सहनी ने कहा, “मैं संबंधित चुनाव अधिकारियों के खिलाफ उच्च न्यायालय जाऊंगा। जब लालू प्रसाद ने सीईओ को लिखित रूप से बता दिया कि खान की उम्मीदवारी रद्द की जाए, तो अधिकारियों को इसे खारिज कर देना चाहिए था। मैं यहां महागठबंधन का आधिकारिक उम्मीदवार हूं, यह बिल्कुल स्पष्ट है, लेकिन अधिकारियों ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया।” अब गौड़ाबौराम सीट पर महागठबंधन के दो उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला होने के आसार हैं। भाजपा ने इस सीट से सुजीत कुमार को उम्मीदवार बनाया है, जबकि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की ओर से मोहम्मद इफ्तेखार आलम मैदान में हैं। पहले चरण के तहत गौड़ाबौराम सीट पर मतदान छह नवंबर को होगा। उम्मीदवारों की नामांकन वापसी की अंतिम तिथि पहले ही समाप्त हो चुकी है। महागठबंधन के नेताओं का कहना है कि राजद के स्थानीय कार्यकर्ता संतोष सहनी के लिए प्रचार कर रहे हैं, लेकिन खान की उम्मीदवारी से मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है क्योंकि वह ‘लालटेन’ चुनाव चिह्न के साथ मैदान में हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर वीआईपी की स्वर्ण सिंह विजयी रही थीं, जबकि राजद के अफजल अली खान दूसरे स्थान पर रहे थे।