थाईलैंड में भूकंप के बावजूद होगा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन, पीएम मोदी का दौरा फाइनल; श्रीलंका भी जाएंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने थाइलैंड और श्रीलंका का दौरा करेंगे। इस दौरान वह कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से भी मुलाकात कर सकते हैं। थाईलैंड में भूकंप के बावजूद बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन होगा। इसमें भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अप्रैल के पहले सप्ताह में थाईलैंड जाएंगे। विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने शुक्रवार को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी छठे BIMSTEC शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड जाएंगे। पीएम मोदी 3 से 4 अप्रैल तक थाईलैंड की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। यह प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी।

पीएम मोदी करेंगे द्विपक्षीय बैठक 

प्रधानमंत्री मोदी थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। यह थाईलैंड के प्रधानमंत्री के साथ उनकी दूसरी बैठक होगी। इससे पहले उन्होंने पिछले साल 11 अक्टूबर को वियनतियाने में आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान उनसे मुलाकात की थी। 

जयदीप मजूमदार ने कहा कि भारत और थाईलैंड के बीच ऐतिहासिक द्विपक्षीय संबंध, सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध रहे हैं। थाईलैंड भारत का समुद्री पड़ोसी देश है। हमारी एक्ट ईस्ट नीति और इंडो-पैसिफिक के लिए विजन में एक अहम भागीदार है और BIMSTEC में भी एक महत्वपूर्ण भागीदार है। 

4 अप्रैल को श्रीलंका जाएंगे पीएम मोदी

थाईलैंड की यात्रा के बाद पीएम मोदी श्रीलंका जाएंगे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निमंत्रण पर 4 से 6 अप्रैल तक राजकीय यात्रा पर श्रीलंका जाएंगे। आप सभी को याद होगा कि राष्ट्रपति दिसानायके ने राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद दिसंबर 2024 में अपनी पहली विदेश यात्रा पर नई दिल्ली का दौरा किया था और अब प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति दिसानायके द्वारा मेजबानी किए जाने वाले पहले विदेशी नेता बनकर वहां जा रहे हैं। 

पीएम मोदी अपने कार्यकाल में चौथी बार श्रीलंका जाएंगे

यह प्रधानमंत्री की अपने कार्यकाल के दौरान श्रीलंका की चौथी यात्रा भी होगी। श्रीलंका हमारी पड़ोस पहले नीति का एक अभिन्न अंग है और यह संबंध आपसी विश्वास और सद्भावना पर आधारित है और समय की कसौटी पर खरा उतरा है। भारत ने महत्वपूर्ण क्षणों में श्रीलंका की सहायता की है सबसे हाल ही में 2022 में श्रीलंका द्वारा सामना किए गए अभूतपूर्व आर्थिक संकट के दौरान और भारत को श्रीलंका के आर्थिक स्थिरीकरण और सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम होने पर खुशी है। 

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