
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के तहत सवाई माधोपुर और करौली जिले की सीमा पर प्रस्तावित डूंगरी बांध के विरोध में प्रभावित गांवों का आंदोलन लगातार जारी है।
दीपावली के अवसर पर जहां पूरे देश में गांवों, कस्बों और शहरों में रोशनी का उत्सव मनाया गया, वहीं डूब क्षेत्र में आने वाले दर्जनों गांवों के ग्रामीणों ने डूंगरी बांध विरोध आंदोलन संघर्ष समिति के आह्वान पर ‘काली दिवाली ब्लैकआउट’ कर अनोखे तरीके से अपना विरोध जताया।
बीती रात ग्रामीणों ने रात 8 से 9 बजे तक दीप बुझाकर एक घंटे का पूर्ण ब्लैकआउट किया और शांतिपूर्ण तरीके से सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से डूंगरी बांध परियोजना को तत्काल निरस्त करने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि डूंगरी बांध बनने से क्षेत्र के 76 से अधिक गांवों के सैकड़ों परिवार प्रभावित होंगे। यह परियोजना न केवल ग्रामीणों के विस्थापन का कारण बनेगी बल्कि पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान पहुंचाएगी।
आंदोलन के संयोजक कमलेश पटेल ने कहा कि अगर सरकार ने अब भी जनता की आवाज नहीं सुनी, तो यह आंदोलन किसी भी स्तर तक जा सकता है। उन्होंने कहा कि ‘काली दिवाली ब्लैकआउट’ डूंगरी क्षेत्र के लोगों की एकता और विरोध की सशक्त अभिव्यक्ति रहा।