
भारत सरकार का लक्ष्य 2029 तक रक्षा उत्पादन बढ़ाकर तीन लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने और 50 हजार करोड़ रुपये की रक्षा सामग्री के निर्यात का है। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर दी है।
सरकार ने बताया है कि उसकी योजना भारत को रक्षा सामग्री के उत्पादन का हब बनाने की है। रक्षा उत्पादन बढ़ाने से रक्षा सामग्री के आयात पर हमारी निर्भरता कम हो रही है और हम आत्मनिर्भर बनने के साथ ही रोजगार पैदा कर रहे हैं और विदेशी मुद्रा भी प्राप्त कर रहे हैं।
बयान में बताया है कि देश में रक्षा सामग्री के उत्पादन में 16 सरकारी उपक्रमों के साथ ही 430 लाइसेंस प्राप्त कंपनियां भी जुटी हुई हैं। इसके साथ ही 16 हजार लघु उद्योग भी उत्पादन को बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। देश के रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र प्रमुख भूमिका निभा रहा है। कुल उत्पादन में करीब 21 प्रतिशत का वह योगदान दे रहा है।
भारत के रक्षा उत्पादों की बढ़ रही डिमांड
सरकार ने कहा है कि इसी बढ़ती कार्यक्षमता के चलते ही 2029 तक 50 हजार करोड़ रुपये की सामग्री के प्रतिवर्ष निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बताया कि 2004 से 2014 के बीच देश ने कुल 4,312 करोड़ रुपये की रक्षा सामग्री का निर्यात हुआ जबकि 2014 से 2024 के बीच वह बढ़कर 88,319 करोड़ हो गया। यह विश्व में भारत के रक्षा उत्पादों की बढ़ती मांग का उदाहरण है।
रक्षा सामग्री का निर्यात प्रतिवर्ष 32.5 प्रतिशत
भारत का रक्षा सामग्री का निर्यात प्रतिवर्ष 32.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। भारत इस समय विश्व के 100 से ज्यादा देशों को रक्षा सामग्री का निर्यात कर रहा है। भारत जिन देशों को अपने उत्पाद निर्यात कर रहा है उनमें अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया मुख्य हैं।