डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार राष्ट्रपति का चुनाव जीता है। वे जनवरी महीने में पदभार ग्रहण करेंगे। बुधवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने डोनाल्ड ट्रंप को जीत की बधाई दी। मगर इस दौरान चीन के सरकारी मीडिया के सुर बदले दिखे। ट्रंप की जीत के बाद चीनी मीडिया ने रिश्तों के बेहतर बनाने पर जोर दिया।
चीन के विदेश मंत्रालय ने डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर बधाई दी। वहीं सरकारी समाचार पत्र ने लिखा कि इस मौके को गंवाना नहीं चाहिए। अखबार ने द्विपक्षीय मतभेदों के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने की बात कही। मगर चुनाव अभियान के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने चीन समेत कई देशों पर भारी टैरिफ लगाने का वादा किया है। अब चीन पर भारी अमेरिकी टैरिफ का खतरा मंडरा रहा है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार देर रात कहा, “हम अमेरिकी लोगों की पसंद का सम्मान करते हैं। राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प को बधाई देते हैं।”
तनावपूर्ण हैं संबंध
मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेट कमला हैरिस के खिलाफ शानदार जीत दर्ज की। वे दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं। जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप अपना पदभार ग्रहण करेंगे। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से चीन-अमेरिका संबंध तनावपूर्ण हैं। ताइवान और दक्षिण चीन सागर, व्यापार और सुरक्षा के मुद्दे पर अमेरिका और चीन के बीच एक नहीं बनती है।
तो क्या बढ़ेंगी चीन की मुश्किलें
डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद अपने पिछले कार्यकाल की अधूरी योजनाओं को जारी रख सकते हैं। वह पिछले कार्यकाल की नीतियों को आगे बढ़ा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो चीन की मुश्किलें बढ़नी वाली हैं। दरअसल, पिछले कार्यकाल में ही डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ व्यापार युद्ध शुरू किया था। चीन को भारी अमेरिकी टैरिफ का सामना करना पड़ा।
नरम पड़े चीन के सुर
चीन के सरकारी अखबार चाइना डेली ने बुधवार को अपने संपादकीय में ट्रंप के दूसरे राष्ट्रपति कार्यकाल को चीन-अमेरिका संबंधों में संभावित नई शुरुआत के तौर पर पेश किया। उसने कहा कि यह मौका बर्बाद नहीं किया जा सकता है। चाइना डेली ने कहा कि अगला अमेरिकी प्रशासन मतभेदों को संभालने के लिए चीन के साथ संवाद और संचार को मजबूत कर सकता है।
गलत धारणाओं से बिगड़े रिश्ते
चाइना डेली ने कहा कि चीन के प्रति अमेरिका की नीतियों और गलत धारणाओं ने रिश्तों में अहम चुनौतियां पेश की हैं। वैश्विक चुनौतियों की जटिलताओं से निपटने के लिए द्विपक्षीय संबंधों के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है। अखबार ने कहा कि चीन और अमेरिका के संबंधों को उचित तरीके से संभालना होगा। इससे न केवल दोनों देशों के साझा हित पूरे होंगे, बल्कि दुनिया में अधिक निश्चितता और स्थिरता भी आएगी।
बाइडन ने भी अपनाई ट्रंप की नीति
बता दें कि 2020 में चुनाव जीतने के बाद जो बाइडन ने भी ट्रंप की नीतिया पर अमल किया था। बाइडन प्रशासन ने चीन की सरकारी औद्योगिक प्रथाओं को निशाना बनाना जारी रखा। सितंबर महीने में अमेरिका ने चीनी आयात पर भारी टैरिफ की वृद्धि की। इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100%, सोलर सेल पर 50% और स्टील, एल्यूमीनियम, ईवी बैटरी और प्रमुख खनिजों पर 25% शुल्क लगाया गया।