
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेमरा की यह वीर भूमि, जंगलों, नालों-नदियों और पहाड़ों के साथ मिलकर हर क्रांतिकारी कदम और बलिदान की गूंज को आज भी संजोए हुए है। यहां की मिट्टी में संघर्ष की खुशबू और आत्मबलिदान की चेतना समाई हुई है। इस भूमि को मैं शत-शत नमन करता हूँ।
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन इन दिनों रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हैं, जहां वे अपने पिता, झारखंड आंदोलन के प्रणेता और तीन बार के मुख्यमंत्री रहे दिशोम गुरु शिबू सोरेन के अंत्येष्टि अनुष्ठानों में शामिल हो रहे हैं। पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार मुख्यमंत्री को आगामी नौ दिनों तक नेमरा में ही रहना होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नेमरा की पावन धरती को “क्रांति की जननी” बताते हुए उसे नमन किया। उन्होंने कहा कि यह वही भूमि है जहां उनके पूर्वजों ने शोषण, अन्याय और दमन के खिलाफ संघर्ष की चिंगारी जलाई। यह गांव उनके दादा सोना सोबरन मांझी की शहादत और उनके पिता शिबू सोरेन के असाधारण संघर्ष का साक्षी रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेमरा की यह वीर भूमि, जंगलों, नालों-नदियों और पहाड़ों के साथ मिलकर हर क्रांतिकारी कदम और बलिदान की गूंज को आज भी संजोए हुए है। यहां की मिट्टी में संघर्ष की खुशबू और आत्मबलिदान की चेतना समाई हुई है। इस भूमि को मैं शत-शत नमन करता हूँ।
उन्होंने लिखा कि झारखंड राज्य की स्थापना और आदिवासी अस्मिता की रक्षा में शिबू सोरेन जी का योगदान अविस्मरणीय रहेगा। वे न केवल एक राजनेता, बल्कि जनआंदोलन के प्रतीक थे।
मुख्यमंत्री ने वीर शहीद सोना सोबरन मांझी और दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वीर शहीद सोना सोबरन मांझी अमर रहें! झारखंड निर्माता दिशोम गुरु शिबू सोरेन अमर रहें! सीएम हेमंत सोरेन का यह पोस्ट भावनाओं से परिपूर्ण श्रद्धांजलि भी है और क्रांतिकारी विरासत के प्रति उनकी निष्ठा भी है।