
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन हाई लेवल डेलिगेशन के साथ 19 अप्रैल से 28 अप्रैल तक स्पेन और स्वीडन के दौरे पर रवाना हुआ. इस दौरे का फोकस विदेशी निवेश को आकर्षित करना होगा. झारखंड में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने की दिशा में रा़ज्य सरकार की ओर से एक बड़ी पहल की गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के नेतृत्व में राज्य का हाई लेवल डेलिगेशन शुक्रवार (18 अप्रैल) को यूरोप के देश स्पेन और स्वीडन के दौरे पर रवाना हुआ. यह दौरा 19 अप्रैल से 28 अप्रैल तक चलेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में निवेश को बढ़ावा देना है.
डेलिगेशन बार्सिलोना, मद्रिद (स्पेन) और गोथनबर्ग (स्वीडन) जैसे प्रमुख शहरों का दौरा करेगा. इस दल में मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा की महिला और बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष काल्पना सोरेन (Kalpana Soren), मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, खनन और उद्योग निदेशक, JUSCO के निदेशक सहित कई अधिकारी शामिल हैं.
क्या होगा इस दौरे का लक्ष्य?
इस विदेश दौरे का फोकस झारखंड की औद्योगिक और खनन नीति (Industrial and Mining Policy) को वैश्विक मंच पर लाना होगा. ‘ईटीवी’ के मुताबिक स्पेन और स्वीडन के निवेशकों से मिलकर राज्य के खनिज संसाधनों की जानकारी देना और उन्हें खनन क्षेत्रों की आगामी नीलामी में भाग लेने के लिए आमंत्रित करना प्रमुख लक्ष्य है.
22 अप्रैल को स्पेन की राजधानी मैड्रिड में खनन क्षेत्र की कई नामी कंपनियों के साथ अहम बैठकें होंगी. IBERDROLA और ACCIONA जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ गहन विचार-विमर्श की योजना है. इसके अलावा, यह प्रतिनिधिमंडल स्पेन और स्वीडन में नवीकरणीय और सौर ऊर्जा के क्षेत्रों में हुए सफल प्रयोगों का अध्ययन करेगा. झारखंड में सौर ऊर्जा निवेश की संभावनाओं पर भी चर्चा की जाएगी, जिससे राज्य में हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिल सके. इस दौरे से सरकार को उम्मीद है कि इससे राज्य में नए रोजगार के अवसर खुलेंगे, निवेश का वातावरण मजबूत होगा और झारखंड के समग्र विकास को एक नई दिशा मिलेगी. वहीं बीजेपी ने इस दौरे पर तंज कसते हुए कहा कि अगर निवेश के लिए ही जाना था तो उद्योग मंत्री के बजाए अपनी पत्नी को साथ क्यों ले गए.