झारखंड के होमगार्ड जवानों को 1088 रुपये दैनिक दर पर वेतन का भुगतान किया जाएगा। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिया है।
होमगार्ड जवानों के भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, लेकिन इसका श्रेय लेने को लेकर होमगार्ड जवानों से जुड़े विभिन्न संगठनों में जुबानी जंग शुरू हो गई है। संगठन एक दूसरे को गलत ठहराने में लगे हुए हैं।
इस बीच, उपरोक्त मामले में न्यायालय में आवेदन करने वाले अजय प्रसाद ने भी मामले को लेकर एक पत्र जारी किया है।
यह है मामला
होमागर्ड जवानों को पुलिस कर्मियों के समान वेतन देने संबंधी फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी अंतिम मुहर लगा दी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद पूरे राज्य में जश्न का माहौल शुरू हो गया है।
होमगार्ड से जुड़े झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन, झारखंड रक्षा वाहिनी स्वयं सेवक संघ, झारखंड राज्य रक्षा वाहिनी, गृहरक्षा वाहिनी लोक सेवक संघ समेत तमाम संगठनों ने खुशियां मनायी।
धनबाद में जहां झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन ने गाजे-बाजे के साथ जुलूस निकाला। वहीं, अन्य तीनों सगठनों ने कार्यक्रम आयोजित कर न्यायालय में केस करने वालों को सम्मानित किया।
इस दौरान संघ के प्रवक्ता कमल किशोर ने दूसरे संगठनों को फर्जी करार देते हुए बिना कुछ किए श्रेय लेने का आरोप लगाया।
मुख्य आवेदन कर्ता ने जारी किया पत्र
अब इस मामले पर मुख्य आवेदन कर्ता अजय प्रसाद ने पत्र जारी किया है। उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से पूरे सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय में किए गए केस की जानकारी साक्षा किया है।
उन्होंने बताया कि उन्होंने रांची से लेकर दिल्ली तक केस लड़ने का काम किया। इसमें झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन ने उन्हें पूरी मदद की।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का फायदा राज्य भर के सभी जवानों को हुआ है। सबकी अपनी खुशी है, लेकिन श्रेय लेने की होड़ में किसी को कम आंकना उचित नहीं है।