झारखंड: केंद्र सरकार के चार नए श्रम कानूनों के खिलाफ श्रमिक संगठनों का भारत बंद

नेताओं ने बताया कि मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ और 17 सूत्री मांगों के समर्थन में यह आम हड़ताल आयोजित की गई है। इस भारत बंद को झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद समेत सभी वामदलों ने समर्थन दिया है।

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए चार नए श्रम कानूनों के विरोध में विभिन्न ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत भारत बंद का राजधानी रांची समेत पूरे झारखंड में मिला-जुला असर देखने को मिला। रांची के धुर्वा स्थित एचईसी परिसर में मजदूर यूनियन के सदस्यों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि चार नए श्रम कानून मजदूरों के हितों के खिलाफ हैं और इन्हें हर हाल में वापस लिया जाना चाहिए।

विरोध प्रदर्शन कर रहे मजदूरों का कहना था कि नए श्रम कानूनों से श्रमिकों का शोषण बढ़ेगा और उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा भी नहीं मिल पाएगी। इस दौरान भाकपा-माले समेत कई श्रमिक संगठनों ने अल्बर्ट एक्का चौक पर भी विरोध-प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए।

इधर रामगढ़ के कोलवारी क्षेत्र में भी बंद का असर देखा गया। वहीं धनबाद, कतरास और पतरातू में बड़ी संख्या में ट्रेड यूनियनों से जुड़े लोग सड़कों पर उतरे और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

भाकपा-माले के जिला सचिव अजय कुमार सिंह, कर्मचारी संघ के सुनील साहू, बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन के सतीश भार्गव और एआईबीए के सरफराज अहमद समेत कई नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों और मजदूरों पर कहर ढा रही है। 44 श्रम कानूनों को बदलकर चार लेबर कोड लागू कर दिए गए हैं, जो श्रमिकों के हक के खिलाफ हैं। किसानों को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी अब तक नहीं दी गई है। नेताओं ने बताया कि मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ और 17 सूत्री मांगों के समर्थन में यह आम हड़ताल आयोजित की गई है। इस भारत बंद को झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद समेत सभी वामदलों ने समर्थन दिया है।

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