
दिल्ली: राजधानी में हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण में भले ही लोगों को हल्की राहत मिली है, लेकिन लोगों की सांसें अभी भी उखड़ रही हैं। सोमवार को हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। सुबह की शुरुआत धुंध और हल्के कोहरे से हुई। वहीं, आसमान में कुहासे के साथ स्मॉग की चादर भी दिखाई दी। इसके चलते दृश्यता भी सही रही।
इस दौरान लोग मास्क पहने नजर आए। साथ ही, सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 351 दर्ज किया गया। यह हवा की बेहद खराब श्रेणी है। इसमें शनिवार की तुलना में 26 सूचकांक की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर, एनसीआर में गाजियाबाद की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां एक्यूआई 401 दर्ज किया गया, यह गंभीर श्रेणी है।
वहीं, ग्रेटर नोएडा में 390, गुरुग्राम में 253 और नोएडा में 358 एक्यूआई दर्ज किया गया। इसके अलावा, फरीदाबाद की हवा सबसे साफ रही। यहां सूचकांक 247 दर्ज किया गया। यह हवा की खराब श्रेणी है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, वाहन से होने वाला प्रदूषण 18.76 फीसदी रहा। वहीं, हवा में पराली से होने वाला प्रदूषण 8.29 फीसदी रहा। पराली जलाने के 1,576 मामले दर्ज किए गए। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि बुधवार तक हवा बेहद खराब श्रेणी में बरकरार रहेगी। सीपीसीबी के अनुसार, सोमवार को हवा उत्तर दिशा से 15 किलोमीटर प्रतिघंटे के गति से चली। वहीं, अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 1200 मीटर रही। वेंटिलेशन इंडेक्स 4500 मीटर प्रति वर्ग सेकंड रहा।
पीएम10 और पीएम2.5 का स्तर रहा इतना
दूसरी ओर, शाम चार बजे हवा में पीएम10 की मात्रा 309.4 और पीएम2.5 की मात्रा 177.5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई। सीपीसीबी के अनुसार, राजधानी के दो मॉनिटरिंग स्टेशनों पर हवा गंभीर और कई में बेहद खराब में रिकॉर्ड की गई।
इन इलाकों में इतना रहा एक्यूआई
बवाना 408
वजीरपुर 403
नरेला 395
रोहिणी 392
जहांगीरपुरी 397
अशोक विहार 384
डीटीयू 386
आईटीओ 382



