
विधानसभा का मानसून सत्र वीरवार से शुरू होगा। करीब छह माह बाद होने जा रहा यह सत्र सीमित जरूर रहेगा लेकिन इसमें बड़ी बहस सुनाई देगी। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही सत्र को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। सदन से एक विधायक अधिकतम दस सवाल पूछ सकेगा। 450 सवाल सदन में उठने वाले हैं। 13 प्राइवेट मेंबर्स बिल और 55 प्रस्ताव भी विधानसभा को भेजे गए हैं।
बीते छह माह में हुए तमाम बड़े घटनाक्रमों पर राजनीतिक दलों ने सदन में प्रस्ताव भेजकर चर्चा मांगी है। मंत्रिमंडल ने बीते दिनों पंचायती राज एक्ट 1989, शॉप एंड बिजनेस एस्टेब्लिशमेंट बिल और गुड्स एंड सर्विसेज 2017 में बदलाव को मंजूरी दी है और इसके बाद तीनों बिलों को विधानसभा में भेजा गया है। प्रदेश सरकार सदन में इन बिलों को पारित कर सकती है।
सदन में मुख्य तौर पर पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग को लेकर सत्ता पक्ष की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव पर बड़ी बहस होने की संभावना है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पहले ही कह चुके हैं कि सदन में साफ हो जाएगा कि कौन सा सियासी दल पूर्ण राज्य के दर्जे का साथ देता है और कौन विरोध में खड़ा नजर आता है।