
कश्मीर में राजनीतिक दलों ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) से संबद्ध 215 स्कूलों का प्रबंधन अपने हाथ में लेने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जेईआई से जुड़े स्कूलों पर सरकार द्वारा प्रबंधन अपने हाथों में लेने को जम्मू-कश्मीर के संस्थानों पर एक और हमला बताया।
महबूबा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्तारूढ़ पार्टी अपने ही लोगों के खिलाफ जा रही है और भाजपा का एजेंडा लागू कर रही है। महबूबा ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के संस्थानों और संस्कृति पर एक और हमला है। मुफ्ती के अनुसार सरकारी दफ्तरों और स्कूली किताबों से उर्दू को हटाया जा रहा है और नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार चुप रही है। मुफ्ती ने कहा, मैं इत्तू से अनुरोध करती हूं कि वह अपने लोगों के लिए खड़ी हों।
जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ अन्याय-अल्ताफ बुखारी
अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने कहा कि यह बेहद खेदजनक है कि निर्वाचित सरकार ने फलाह-ए-आम ट्रस्ट (एफएटी) स्कूलों का प्रबंधन अपने हाथ में लेने की घोषणा करके उन पर प्रतिबंध लागू कर दिया है। बुखारी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ””हालांकि जमात-ए-इस्लामी पर 2019 से प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन एलजी प्रशासन ने एफएटी स्कूलों का प्रबंधन अपने हाथ में लेने से परहेज किया है। फिर भी, निर्वाचित सरकार ने एक मजबूत जनादेश प्राप्त करने के बावजूद, ऐसा करने का फैसला किया है। उन्होंने सरकार से अपने फैसले को तुरंत रद्द करने की मांग की।