जम्मू कश्मीर: 4500 करोड़ रुपये के निवेश से ग्रयू इनर्जी ने भी खींचे हाथ

4500 करोड़ के भारी भरकम निवेश के साथ जम्मू-कश्मीर में मई 2024 में उतरी चिरीपाल ग्रुप की ग्रयू इनर्जी कंपनी ने भी प्रदेश में निवेश से हाथ पीछे खींच लिए हैं। सब्सिडी पैकेज के अलावा निजी जमीन विवाद भी कंपनी के प्रदेश से पैकअप की बड़ी वजह बना है।
कंपनी कठुआ जिले में 3.2 गीगावॉट क्षमता वाला सोलर मॉड्यूल निर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए सामने आई थी। दो अलग-अलग इकाइयों में कुल 640 कनाल (लगभग 80 एकड़) भूमि भागथली इलाके में कंपनी को जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से आवंटित की गई थी। इसमें कंपनी ने हर साल 3.2 गीगावॉट उच्च दक्षता वाले सोलर मॉड्यूल और 2.8 गीगावॉट इनगॉट्स, वेफर्स और सोलर सेल्स का उत्पादन करना था।

ग्रयू इनर्जी का जम्मू-कश्मीर में यह पहला नवीकरणीय ऊर्जा निर्माण संयंत्र तैयार था। इकाई स्थापित होने से पहले ही कंपनी ने इसके विपंजीकरण के लिए आवेदन कर दिया। इससे पहले 10 मई 2024 को कंपनी ने कठुआ में इकाई की शुरुआत को लेकर समारोह का आयोजन किया था। डेढ़ साल के भीतर ही चिरीपाल ग्रुप ने जम्मू-कश्मीर को अलविदा कह दिया है। उधर, कठुआ में जिला औद्योगिक केंद्र के महाप्रबंधक मुश्ताक चौधरी ने भी इकाई के विपंजीकरण की पुष्टि कर दी है। संवाद
इससे पहले मुरलीधरन और भीलवाड़ा ग्रुप ने भी खींच लिए थे हाथ : चिरीपाल ग्रुप की ग्रयू इनर्जी कंपनी से पहले भीलवाड़ा ग्रुप 740 करोड़ के निवेश और मुरलीधरन की सिलॉन 1600 करोड़ के निवेश से पीछे हट चुकी है। पिछले साल चुनाव से ठीक पहले केंद्र के सब्सिडी पैकेज का खत्म होना और जम्मू कश्मीर में नई सरकार बनने के बाद इसे विस्तार न दिया जाना भी बड़ा कारण है। औद्योगिक घराने पिछले एक साल से औद्योगिक पैकेज के विस्तार का इंतजार कर रहे हैं।

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