
सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) ने परगवाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से आतंकी अब्दुल खालिक को जर्मनी निर्मित एमपी-5 सबमशीन गन के साथ दबोचा है। खालिक राजोरी का ही रहने वाला है और 2021 में वह सीमा पार कर पाकिस्तान चला गया था। सूत्रों का कहना है कि खालिक को जैश-ए-मोहम्मद ने आतंकी प्रशिक्षण दिया है। आतंकी वारदात के इरादे से उसने घुसपैठ की है।
सूत्रों के अनुसार अब्दुल खालिक शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास संदिग्ध हालात में घूमता दिखाई दिया। बीएसएफ के सतर्क जवानों ने उसे पकड़कर तलाशी ली तो उसके पास से एमपी 5 सबमशीन गन, दस कारतूस, एक मैगजीन के साथ ही एक ड्रम मैगजीन (बेलनाकार मैगजीन) भी मिली है।
सूत्रों के अनुसार खालिक का संबंध जैश-ए-मोहम्मद से है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी अभी पुष्टि नहीं की है। अब्दुल से पूछताछ में पता चला कि वह पाकिस्तान से घुसपैठ कर इस पार आया था। उसे सीमा की रेकी करनी थी। सीमा के पास छिपने के लिए मुफीद स्थान ढूंढ़ने और आतंकी मददगारों से संपर्क साधने की भी उसे जिम्मेदारी मिली थी। राजोरी का निवासी होने की वजह से उसे क्षेत्र की जानकारी भी है, इसीलिए उसे यह काम मिला था। आतंकियों की घुसपैठ करवाने के बाद वह किसी बड़ी वारदात को अंजाम देता।
बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की थी साजिश
बताया जा रहा है कि खालिक कुछ समय से घुसपैठ करने की फिराक में था। मौका मिलते ही उसने घुसपैठ तो की लेकिन बीएसएफ के हत्थे चढ़ गया। उससे पूछताछ के बाद जम्मू के खौड़ थाने की पुलिस को सौंप दिया। पुलिस के साथ केंद्रीय जांच एजेंसियां उससे लगातार पूछताछ कर रही हैं।
बता दें कि सुरक्षाबल पिछले 15 दिनों से जम्मू, कठुआ, सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास के इलाकों में लगातार चेकिंग अभियान चला रहे हैं। पुलिस और बीएसएफ संयुक्त रूप से पूरे इलाके को खंगाल रही हैं।



