
लंबे इतंजार के बाद मंत्री बनाए गए अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल ने कहा कि जब अंत अच्छा होता है, तो सब ठीक होता है. उन्होंने इस दौरान मंत्रालय मिलने के सवाल पर भी बयान दिया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने लंबे इंतजार के बाद मंगलवार (20 मई) को मंत्री पद की शपथ ली. अब देखना होगा कि उन्हें कौन सा विभाग मिलता है. मंत्रालय के सवाल पर भुजबल ने कहा कि विभाग को लेकर कोई मतभेद नहीं है, कोई भी विभाग मिलता है उसको संभालेंगे. इसको कोई लालसा नहीं है.
छगन भुजबल ने कहा, ” 1991 से लेकर मंत्री बनते आया हूं, लगभग सभी मंत्रालय संभाले हैं, मेरे पास गृह विभाग भी रहा है. विभाग पर फैसला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार लेंगे.”
ऑल इज वेल- छगन भुजबल
भुजबल ने कहा, ”ऑल इज वेल, मैं मुख्यमंत्री फडणवीस साहब, अजित पवार, एकनाथ शिंदे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल का आभारी हूं. जब अंत अच्छा होता है, तो सब ठीक होता है.”
शपथ की खबर ने चौंकाया
छगन भुजबल को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की खबर सामने आने के बाद, पर्दे के पीछे क्या हुआ इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में कयासों का दौर शुरू हो गया. ना ही राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेतृत्व की ओर से और ना ही खुद छगन भुजबल की ओर से अंतिम क्षण तक इस विषय पर कोई संकेत दिया गया था.
खुद छगन भुजबल ने शपथ से पहले कहा कि उन्हें सिर्फ एक पंक्ति का संदेश मिला – “आपको राज्य मंत्रिमंडल में जगह मिल रही है. मंत्री पद की शपथ मंगलवार सुबह दस बजे होगी.”
छगन भुजबल 77 साल के हैं. वे पिछले चार-पांच दशकों से महाराष्ट्र की राजनीति की घटनाओं के साक्षी और भागीदार रहे हैं. इसलिए जब दिसंबर में महायुती सरकार का शपथग्रहण हुआ और उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया, तो कई लोगों को यह चौंकाने वाला लगा.
क्यों कैबिनेट में मिली जगह?
इसके बाद छगन भुजबल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेतृत्व में शामिल अजित पवार, सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल की खुलकर आलोचना की थी. इसके बावजूद पार्टी नेतृत्व ने संयम और नरमी का रुख अपनाया.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद उन्होंने पद के लिए इंतजार किया. उन्होंने तब दावा किया था कि उन्हें राज्यपाल बनने और राज्यसभा जाने का भी ऑफर मिला था. छगन भुजबल ने कहा कि मुझे किसी राज्य का राज्यपाल बनाना मेरे मुंह पर ताला लगाने जैसा होगा.
अब आगामी निकाय चुनावों में छगन भुजबल जैसे ओबीसी के बड़े नेता को दूर रखने से राजनीतिक नुकसान हो सकता था. इसलिए चर्चा है कि अजित पवार और महायुती सरकार को नियंत्रित करने वाले नेताओं ने समय रहते उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने का निर्णय लिया.
छनंजय मुंडे की जगह बने मंत्री
अजित पवार के करीबी और एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता धनंजय मुंडे ने इसी साल मार्च में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उनकी जगह एनसीपी के कोटे से भुजबल मंत्री बने हैं. माना जा रहा है कि उन्हें खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय मिल सकता है.
छगन भुजबल के मंत्री बनने पर उप-मुख्यमंत्री अजित पवार, एकनाथ शिंदे और महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बधाई दी. अजित पवार ने एक्स पर लिखा, ”मंत्री पद की शपथ लेने के बाद छगन भुजबल ने मुझसे शिष्टाचार भेंट की. उन्हें फूलों का गुलदस्ता देकर बधाई दी
क्या बोली बीजेपी?
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “छगन भुजबल जी पहले भी मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने कई विभागों को लीड किया है और वो एक अनुभवी नेता हैं.मैं उनको बहुत बधाई देता हूं. उनके अनुभव का निश्चित रूप से सरकार को फायदा होगा.”
महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष और मंत्री बावनकुले ने कहा, ”मैं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को, एनसीपी नेता छगन भुजबल को मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए धन्यवाद देता हूं. मुझे विश्वास है कि छगन भुजबल मजबूती के साथ विकसित महाराष्ट्र के संकल्प को पूरा करने में हमारा साथ देंगे.”
बता दें कि उप-मुख्यमंत्री रह चुके छगन भुजबल को ईडी ने मार्च , 2016 को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था. उन्हें 4 मई 2018 को जमानत मिली. भुजबल पर कथित तौर पर पद के दुरुपयोग और राज्य सरकार को वित्तीय हानि पहुंचाने का आरोप लगा था. तब बीजेपी ने भुजबल पर जमकर निशाना साधा था.