
बीजेपी मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने कहा कि पिछले 70 साल में कांग्रेस आरजेडी जैसे दलों ने पसमांदा मुसलिम को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया. उनके विकास, सशक्तिकरण के लिए कोई काम नहीं किया.
चुनावी साल में अपने परंपरागत वोट बैंक से इतर बीजेपी की नजर अल्पसंख्यक समुदाय के पसमांदा मुसलमानों पर है. उनको साधने के लिए बीजेपी बड़ी रणनीति पर काम कर रही है. बिहार में 17.70% आबादी मुसलमानों की है और मुसलमानों की आबादी में करीब 75% आबादी पसमांदा मुसलमानों की है.
आरजेडी के वोट बैंक में बीजेपी की सेंधमारी
बिहार में बीजेपी पासमांदा सम्मेलन करेगी. यह महागठबंधन खासकर आरजेडी के वोटर हैं. अब सवाल उठ रहा है कि क्या महागठबंधन के लिए खतरे की घंटी है? क्या आरजेडी के वोट बैंक में बीजेपी सेंधमारी कर पाएगी? वैसे इस तरह की कवायद से चुनाव में एनडीए को कितना लाभ होगा यह समय बताएगा. पासमांदा समाज को हम मुख्यधारा में लाएंगे. यह पीएम मोदी का विजन है कि तुष्टिकरण के आधार पर नहीं बल्कि सामाजिक न्याय के आधार पर इस समाज को मुख्यधारा में लाया जाए.बिहार बीजेपी मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने बताया कि यह समाज आर्थिक सामाजिक एवं शैक्षिक स्तर पर पिछड़ा हुआ है. पिछले 70 साल में कांग्रेस राजद जैसे दलों ने इनको वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया. उनके विकास, सशक्तिकरण के लिए कोई काम नहीं किया. इस समाज के जीवन में बदलाव लाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार प्रतिबद्ध है. जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटा और आरक्षण मिला. लाभ इस समाज को हुआ.
दानिश इकबाल ने कहा कि पटना में बीजेपी कार्यालय में पासमांदा सम्मेलन होगा. उसके बाद पूरे बिहार भर में कार्यक्रम होंगे. इस समाज के बीच हम लोग जाएंगे और संवाद स्थापित करेंगे. उनकी समस्याओं को सुनेंगे. उनके लिए केंद्र सरकार बिहार सरकार ने जो कामकाज किया है. वह बताने की कोशिश करेंगे. पूरे कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा जल्द होगी. चुनावी लाभ के लिए हम लोग यह नहीं कर रहे हैं. हमारी सोच है कि मानव कल्याण होगा तो राष्ट्र का कल्याण होगा. इस समाज के लोग बड़ी संख्या में बीजेपी के साथ जुड़ेंगे.
क्या बोले आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद?
इस पर आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि बीजेपी अल्पसंख्यक पसमांदा समाज की बात करे यह हास्यास्पद है. बीजेपी की राजनीति मुस्लिम विरोध की है. मुस्लिम समाज पासमांदा कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएगा. उनके बहकावे में नहीं आएंगे. चुनाव आते ही बीजेपी को पासमांदा की याद आ गई. 400 से ज्यादा सीटों पर बीजेपी लोकसभा चुनाव लड़ती है. मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं देती है. 240 लोकसभा सांसद BJP के हैं, जिसमें से एक भी मुस्लिम नहीं हैं. देश भर में बीजेपी के 1400-1500 सौ प्रतिनिधि हैं. जिसमें सिर्फ एक राज्यसभा सांसद व यूपी में एक विधान परिषद के सदस्य मुस्लिम हैं. यह बीजेपी की सच्चाई है.