
क्या भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं? इस पर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने जवाब दिया है। अपने भाषण के दौरान केंद्रीय मंत्री ने इंडोनेशिया का भी जिक्र किया।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने मंगलवार को यह स्पष्ट किया कि भारत में अल्पसंख्यक समुदाय पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इस संदर्भ में फैलाए जा रहे झूठे आरोपों का खंडन किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभाते रहेंगे।
केंद्रीय मंत्री का बयान
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) द्वारा आयोजित राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान किया है और इस प्रयास में अल्पसंख्यक समुदायों का योगदान महत्वपूर्ण होना चाहिए। उन्होंने कहा, “अल्पसंख्यक समुदायों ने पहले भी राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई है और वे भविष्य में भी इसे जारी रखेंगे।”
इंडोनेशिया का किया जिक्र
रिजिजू ने अपने भाषण में यह भी जिक्र किया कि हाल ही में उन्होंने सऊदी अरब में आयोजित हज सम्मेलन में लगभग 80 देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस दौरान, इंडोनेशिया के एक मंत्री ने यह बताया कि उनके देश में मुसलमानों की सबसे बड़ी आबादी है। इस पर रिजिजू ने कहा, “मैंने कहा कि जब जनगणना होगी तो हो सकता है कि भारत में मुसलमानों की आबादी इंडोनेशिया से भी अधिक हो, हालांकि हमारे पास इसकी सटीक संख्या नहीं है।”
भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं?
उन्होंने यह भी बताया कि कोविड महामारी की वजह से 2021 की जनगणना नहीं कराई जा सकी, जिससे इस आंकड़े की पुष्टि अभी संभव नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं और देश संविधान से चलता है। भारत का संविधान ही देश का मार्गदर्शन करता है और इसके तहत सभी नागरिकों को समान अधिकार और सुरक्षा मिलती है।