क्या अब भी पाकिस्तान में आतंकवादी एक्टिव…? सवाल पर पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का सिर्फ एक शब्द में जवाब

ख्वाजा आसिफ ने कहा कि आतंकवाद और आतंकवादी पाकिस्तान के अतीत की चीजें है, लेकिन ये आज भी देश को सता रही हैं. आतंकवाद का आरोप लगाकर पाकिस्तान को बदनाम किया जाता है. पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक बार फिर आतंकी संगठनों के साथ पाकिस्तान के संबंधों की बात कबूल की है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद और आतंकवादी पाकिस्तान के अतीत की चीजें हैं, लेकिन वे आज भी पाकिस्तान को सता रही हैं. हालांकि, फिर से उन्होंने यही कहा कि ये काम पाकिस्तान ने अफगान-सोवियत युद्ध के दौरान अमेरिका के लिए किया था. अमेरिका मुजाहिदीन समूब बनाने के लिए उन्हें हथियार देता था.

बीबीसी न्यूज चैनल पर एक इंटव्यू में ख्वाजा आसिफ ने यह बयान दिया है. बीबीसी के पाक कोरेसपोंडेंट अजादे मोशिरी ने पूछा कि क्या पाकिस्तान में अब भी आतंकवादी और आतंकी संगठन सक्रिय हैं, जिस पर ख्वाजा आसिफ ने बड़े जोरदार तरीके से जवाब दिया- नहीं. ख्वाजा आसिफ से पुलवामा और उरी अटैक जैसे आतंकी हमलों की साजिश रचने वाले जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को लेकर सवाल किया गया कि अमेरिका मानता है कि ये संगठन अभी भी पाकिस्तान में सक्रिय हैं. इस पर ख्वाजा आसिफ ने कहा, ‘आतंकवाद और आतंकवादी हमारे अतीत की चीजें है. अमेरिका जिन आतंकी संगठनों को लेकर कहता है कि ये पाकिस्तान में सक्रिय हैं, ये उन ग्रुप के ही सहयोगी हैं, जिन्हें अमेरिका हथियार देता था.’उन्होंने कहा कि 80 के दशक में अफगान-सोवियत युद्ध के दौरान कुछ अफगानी समूहों को हथियार देने की अमेरिका की भूमिका का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि दशकों तक मुजाहिदीन समूहों को बनाने और उन्हें हथियार मुहैया कराने का काम अमेरिका करता रहा है और ये संगठन बाद में टेरेरिस्ट ग्रुप्स बन गए. 

ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इन संगठनों में हक्कानी नेटवर्क भी था, जिसके तालिबान, जैश और लश्कर संगठनों के साथ लिंक थे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका के लिए दशकों तक यह काम करता रहा है और जो भी ये ग्रुप हमारे सहयोगी थे, अब ये सारे संगठन ड्राई-क्लीन हो गए हैं, लेकिन हमारी छवि अभी तक साफ नहीं हुई. अमेरिका अब भी हम पर उन समूहों के लिए आरोप लगाता है, जो उनके सहयोगी थे. ख्वाजा आसिफ ने कहा कि ये कौन फैसला करेगा कि तुम आतंकवादी हो या मैं आतंकवादी हूं या हम आतंकवादी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि ये आतंकी नेता जिंदा हैं, लेकिन ये किसी आतंकी गतिविधि में शामिल नहीं हैं, चाहे पाकिस्तान हो या सीमा पार भारत की बात हो या किसी और देश की बात हो, किसी आतंकी गतिविधि में ये लोग शामिल नहीं हैं.

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