
हरियाणा के डिजिटल भूमि रिकॉर्ड्स सुधार की केंद्र सरकार ने सराहना की है। HARSAC, HaLSMP और MRRR जैसे प्रोजेक्ट्स से जमीन रिकॉर्ड पारदर्शी और सुरक्षित बने हैं। केंद्र सरकार विशेष फंडिंग देने पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार ने हरियाणा की जमीन रिकॉर्ड को आधुनिक बनाने की पहल की जमकर तारीफ की है। केंद्र ने संकेत दिया है कि इन कोशिशों को और मजबूत करने के लिए हरियाणा को विशेष फंडिंग दी जा सकती है। यह समर्थन हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन्स सेंटर (HARSAC) के ततिमा (भूखंड विभाजन) अपडेशन प्रोजेक्ट जैसे कदमों को और तेज करेगा, जो जमीन के टुकड़ों की सटीक माप और नक्शे तैयार करने पर केंद्रित है। इससे जमीन के रिकॉर्ड में पारदर्शिता और सटीकता आएगी।
‘हरियाणा जमीन प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा’
बता दें कि केंद्र सरकार के भूमि संसाधन विभाग के सचिव मनोज जोशी ने चंडीगढ़ में डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (DILRMP), नक्शा, इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन (IGR) सिस्टम और कैपिटल इंसेंटिव स्कीम्स की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान हरियाणा की वित्तायुक्त (राजस्व) सुमिता मिश्रा ने बताया कि राज्य जमीन प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग प्रोजेक्ट (HaLSMP) और मॉडर्न रेवेन्यू रिकॉर्ड रूम्स (MRRR) जैसे प्रोजेक्ट्स के जरिए जमीन के डेटा को प्राकृतिक और मानव-निर्मित खतरों से बचाने का लक्ष्य है। ये सुधार ग्रामीण और शहरी जमीन प्रबंधन को और पारदर्शी, स्पष्ट और कुशल बनाएंगे।
38,406.36 वर्ग किलोमीटर इलाके का ड्रोन सर्वे पूरा
सर्वे ऑफ इंडिया (SoI) ने अब तक 38,406.36 वर्ग किलोमीटर इलाके का ड्रोन सर्वे पूरा कर लिया है। इसके अलावा, ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विस ऑफ हरियाणा लिमिटेड (DRIISHYA) को प्रतिबंधित क्षेत्रों में 5,805.69 वर्ग किलोमीटर का सर्वे सौंपा गया था, जिसमें से 4,936.67 वर्ग किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है और डेटा प्रोसेसिंग के लिए SoI को सौंप दिया गया है। 25 दिसंबर 2019 को शुरू हुए MRRR प्रोजेक्ट के तहत हरियाणा के 22 जिलों में सैकड़ों साल पुराने राजस्व रिकॉर्ड्स को संरक्षित किया जा रहा है। जमाबंदी, म्यूटेशन, परत सरकार, फील्ड बुक, मुस्सावी और राजस्व अदालत के आदेश जैसे रिकॉर्ड्स को डिजिटाइज और इंडेक्स किया जा रहा है।
करीब 39.80 करोड़ पन्नों को स्कैन किया गया
अब तक करीब 39.80 करोड़ पन्नों को स्कैन किया गया है, जिनमें से 39.57 करोड़ पन्नों को वेब HALRIS पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। यह डेटा अब आम लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध है और इसे सुरक्षित रखने के लिए मजबूत सिस्टम बनाया गया है। हर जिले में अब आधुनिक रिकॉर्ड रूम्स बनाए गए हैं, जहां जलवायु-नियंत्रित स्टोरेज, उन्नत स्कैनिंग उपकरण और शिकायत निवारण के लिए पब्लिक फ्रंट डेस्क जैसी सुविधाएं हैं। इन रिकॉर्ड्स की तीन स्तरों पर जांच की गई है, ताकि सटीकता सुनिश्चित हो। हरियाणा के इन प्रयासों से न केवल जमीन के रिकॉर्ड्स को डिजिटल और सुरक्षित बनाया जा रहा है, बल्कि आम लोगों को भी अपनी जमीन से जुड़े दस्तावेज आसानी से मिल रहे हैं।