कल उधर तो आज इधर! बिहार विधानसभा चुनाव में नेताओं के दल बदलने का सिलसिला जारी, अब तक कौन किधर गया, जानें

बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही नेताओं के दलबदल का दौर तेज हो गया है, जहां कई नेता अपने पुराने दलों को न केवल छोड़ रहे हैं बल्कि उन पर तीखे हमले भी कर रहे हैं।

पटना: सियासत में नैतिकता, विचारधारा, मूल्य और आदर्शों की जगह अब मौका परस्ती ने ले ली है। चुनावों में यह और उभरकर सामने आती है। मूल्यों को ताक पर रखकर केवल स्वार्थ देखा जाता है और चुनाव जब नजदीक हो तो रोजाना ऐसे मामले सामने आते रहते हैं। बिहार में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। यहां बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही नेताओं के दलबदल का दौर तेज हो गया है, जहां कई नेता अपने पुराने दलों को न केवल छोड़ रहे हैं बल्कि उन पर तीखे हमले भी कर रहे हैं। 

संतोष कुशवाहा ने RJD का दामन थामा

पूर्णिया से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के दो बार के सांसद रहे संतोष कुशवाहा ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का दामन थाम लिया। माना जा रहा है कि उन्हें पूर्णिया जिले की किसी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। कुशवाहा 2014 और 2019 दोनों लोकसभा चुनावों में जदयू के टिकट पर जीते थे लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में वह निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव से हार गए थे। उन्होंने इस हार के लिए स्थानीय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जदयू नेताओं को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था, ‘राज्य पार्टी अध्यक्ष की स्थिति अब मात्र एक चौकीदार जैसी रह गई है।’

राहुल शर्मा भी आरजेडी में हुए शामिल

कुशवाहा के अलावा जदयू के पूर्व विधायक राहुल शर्मा भी राजद में शामिल हो गए हैं। वह 2015 से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज बताए जाते हैं। उन्हें जहानाबाद जिले की घोसी सीट से उम्मीदवार बनाए जाने की अटकलें हैं। खगड़िया जिले की परबत्ता सीट से जदयू विधायक डॉ.संजीव कुमार सिंह ने भी पिछले सप्ताह राजद का दामन थाम लिया था। उन्होंने नीतीश सरकार को ‘‘बिहार के इतिहास की सबसे भ्रष्ट सरकारों में से एक’’ बताया। हालांकि, जदयू सूत्रों का कहना है कि सिंह के दल बदलने की असली वजह उनकी सीट पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के भाई को टिकट मिलने की संभावना थी।

एक दर्जन विधायक पाला बदलने के लिए तैयार-जायसवाल

वहीं, राजद और कांग्रेस के भी कई विधायक भाजपा या जदयू का रुख कर रहे हैं। नेताओं के दल बदलने को लेकर भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ.दिलीप जायसवाल ने शुक्रवार को कहा, ‘‘अभी महागठबंधन के एक दर्जन विधायक पाला बदलने को तैयार बैठे हैं और हमारे संपर्क में हैं।’’ इसी बीच, दोनों प्रमुख गठबंधनों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बैठकों का दौर तेज हो गया है। हालांकि किसी भी पक्ष ने अभी अंतिम फार्मूला घोषित नहीं किया है।

भाजपा की चुनाव समिति के सदस्य और प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा, ‘‘बैठकें लगभग पूरी हो चुकी हैं, सीट बंटवारे की अंतिम घोषणा दिल्ली में शनिवार को होगी। इससे पहले नेताओं के आने-जाने का सिलसिला चलता रहेगा।’’ सूत्रों के अनुसार, राजद गठबंधन में ‘‘एक मामूली अड़चन’’ शेष है क्योंकि मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) अधिक सीट की मांग कर रही हैं।

भाजपा सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सीट-बंटवारे की बातचीत दिल्ली में अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि चिराग पासवान ने अपनी शुरुआती 40 सीट की मांग घटाकर लगभग 25 सीट पर सहमति जता दी है। इस विषय पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और चुनाव प्रभारी बीते दो तीन दिन से चिराग पासवान के साथ बैठक कर रहे थे। राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान छह और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।


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