
ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को विपक्षी कांग्रेस और बीजद विधायकों ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस विधायक दल ने भाजपा के सत्ता में आने के बाद महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए समिति के गठन की मांग की। वहीं, बीजद विधायकों ने एसटी-एससी और ओबीसी छात्रों के लिए शैक्षणिक संस्थानों और नौकरियों में आरक्षण की मांग की।
ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी कांग्रेस और बीजू जनता दल (बीजद) सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए घंटियां बजाईं और नारे लगाए। हंगामा के चलते विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी को शाम चार बजे तक पांच बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सदन में बमुश्किल दो से तीन मिनट ही काम हो सका।
बार-बार हंगामे के चलते उपसभापति भवानी शंकर भोई ने मामले को सुलझाने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) द्वारा अपना फैसला बदलने से इनकार के चलते बैठक में कोई समाधान नहीं निकला। सीएलपी ने स्पष्ट किया कि वे जून 2024 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद राज्य में महिलाओं के खिलाफ हुए सभी अपराधों की जांच के लिए सदन की समिति के गठन तक सहयोग नहीं करेंगे।
बीजद ने न्याय दिलाने में सरकार की विफलता का विरोध किया
बीजद ने महिलाओं की सुरक्षा और एसटी-एससी व ओबीसी लोगों न्याय दिलाने में राज्य सरकार की कथित विफलता का विरोध किया। विपक्ष के लगातार हंगामे के कारण 18 मार्च से सभी कार्य दिवसों पर कार्यवाही शाम 4 बजे तक स्थगित हो रही है। दूसरी तरफ, भाजपा सदस्य बाबू सिंह ने कहा, ‘विधानसभा के कामकाज के लिए करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन विपक्ष इसे रोक रहा है।’
कार्यवाही शुरू होते ही बीजद-कांग्रेस सदस्य वेल में आए
मंगलवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, बीजद और कांग्रेस के सदस्य तख्तियां लेकर वेल में आ गए। उन्होंने संगीत वाद्ययंत्र बजाए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। इस दौरान बीजद सदस्यों ने विधानसभा के प्रवेश द्वार पर एकत्र होकर शैक्षणिक संस्थानों और नौकरियों में एसटी-एससी और ओबीसी छात्रों के लिए आरक्षण की मांग की।
कांग्रेस विधायकों ने जांच समिति के गठन की मांग की
वहीं, कांग्रेस विधायकों ने पिछले नौ महीने में महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए समिति के गठन की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना भी दिया।
सदन में संगीत वाद्ययंत्र लाना अस्वीकार्य: स्पीकर
सदन में हंगामे के चलते स्पीकर पाढ़ी ने आंदोलनकारी सदस्यों से अपनी सीटों पर लौटने की अपील की, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। स्पीकर पाढ़ी ने सख्त लहजे में कहा कि सदन में संगीत वाद्ययंत्र लाना स्वीकार्य नहीं है, जबकि आप (कांग्रेस विधायक) आज उन्हें बजा रहे हैं।
सात दिनों के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक निलंबित
बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही कांग्रेस विधायक महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कथित वृद्धि को लेकर विधानसभा में आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन के दौरान कांग्रेस के एक वरिष्ठ विधायक को इस मुद्दे पर सात दिनों के लिए निलंबित भी किया गया।