ओडिशा में 2021 में भाजपा के दो बुजुर्ग कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में कटक की अदालत ने नौ दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले में एक आरोपी को सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया गया।
ओडिशा के कटक जिले में दो बुजुर्ग भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में अदालत ने नौ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कटक जिले के महांगा के भाजपा कार्यकर्ता कुलमणि बराल (75) और दिब्यसिंह बराल (82) की जनवरी 2021 में हत्या कर दी गई थी।
मामले में 10 लोगों को गिररफ्तार किया गया था लेकिन सालेपुर की अतिरिक्त जिला अदालत ने सबूतों के अभाव में एक आरोपी को बरी कर दिया। जबकि एक अन्य आरोपी की सड़क दुर्घटना में पहले ही मौत हो चुकी है।
हत्या के मामले में दर्ज एफआईआर में तत्कालीन राज्य कानून मंत्री और स्थानीय बीजेडी विधायक प्रताप जेना का भी नाम था। सालेपुर कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया पाया कि जेना के खिलाफ हत्या का मामला बनता है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे विधायकों और सांसदों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए गठित भुवनेश्वर विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था।
अदालत परिसर के बाहर मीडिया से बात करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि नौ लोगों को तत्कालीन आईपीसी की धारा 302 और 120-बी के तहत दोषी ठहराया गया था। इसके बाद अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
पत्नी की हत्या करने वाले को मौत की सजा
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक अदालत ने अपनी पत्नी की चाकू मारकर हत्या करने और अपनी छह वर्षीय बेटी की गला काटने के मामले में एक अगस्त को दोषी को मौत की सजा सुनाई। दो साल पहले नौ जून 2022 में दोषी ने अपनी पत्नी को दूसरी बार बेटी को जन्म देने के कुछ ही दिन 33 बार चाकू मारा था।
दोषी की पहचान 46 वर्षीय संजीत दास और मृतक महिला की पहचान सरस्वती के तौर पर की गई है। सरस्वती एक प्राइवेट अस्पताल में हेड नर्स थी। आरोपी ने अपनी बड़ी बेटी का भी गला काट दिया। हालांकि, किसी तरह उसकी जान बच गई। 2022 में चार्जशीट दायर होने के अगले ही दिन उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। पत्नी की हत्या के पीछे का कारण दूसरी बार भी बेटी का जन्म होना है।