ओडिशा में ठंड दिखाने लगी असली रंग, 4 डिग्री तक लुढ़का उदयगिरी का पारा

ओडिशा में ठंड जोर पकड़ने लगी है। कंधमाल जिले का घु. उदयगिरी रविवार को राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह इस मौसम का अब तक का सबसे कम तापमान है।

राजधानी भुवनेश्वर में पारा 11.9 डिग्री रिकॉर्ड हुआ, जबकि राउरकेला में 7.2 और झारसुगुड़ा में 7.6 डिग्री मापा गया। राज्य के अधिकांश जिलों में रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे बना हुआ है।

आने वाले दिनों में तापमान और गिरने की संभावना
पारा गिरने के साथ सर्दी का प्रकोप बढ़ रहा है। ओडिशा का सबसे कम तापमान और सबसे ठंडा शहर के रूप में घु. उदयगिरी की पहचान हुई है। दिसंबर की शुरुआत में ही सर्दी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।

मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि आने वाले दिनों में तापमान और नीचे जा सकता है। शाम ढलते ही तापमान गिरने से सर्दी बढ़ जाती है और रात में ठिठुरन महसूस होती है।

ओडिशा के ‘दार्जिलिंग’ के नाम से मशहूर कंधमाल जिले के घु. उदयगिरी में पारा नीचे आ गया है। तापमान गिरने से स्थानीय क्षेत्र में फिर एक बार सर्दी का प्रकोप बढ़ा है। कुछ दिनों के अंतराल के बाद फिर से तापमान नीचे गया है।

पिछले गुरुवार पारा 9.8 डिग्री था, जबकि शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था। कृषि विज्ञान केंद्र और भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि तापमान गिरने के साथ ही सर्दी और बढ़ गई है। निम्न दबाव, चक्रवातीय क्षेत्र के कारण बारिश और बादल छाए रहने से पिछले एक सप्ताह से सर्दी कम हो गई थी, लेकिन कल से अचानक ठंड महसूस होने लगी।

तेज ठंडी हवा से लोग कांपने लगे हैं। सड़क किनारे बैठकर दुकान चलाने वाले व्यापारी, जंगल उत्पाद इकट्ठा कर जीवन यापन करने वाले आदिवासी, असहाय लोग और कच्चे घरों में रहने वालों के लिए यह बढ़ती ठंड चिंता का कारण बनी हुई है। एक बार फिर लोग सुबह और शाम सड़क किनारे अलाव (आग) के पास बैठकर सर्दी से बचते नजर आ रहे हैं।

आवागमन में समस्या
वहीं कोहरे के कारण यातायात में समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। हरियाली से भरे जंगल और चारों ओर पहाड़ियों से घिरा घु. उदयगिरी का सौंदर्य किसी भी रूप में दार्जिलिंग से कम नहीं है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।

इसलिए पर्यटक घु. उदयगिरी आने की इच्छा जाहिर करते हैं। यहां के पर्यटन स्थलों के विकास के साथ-साथ इस वर्ष शीत महोत्सव आयोजित करने की मांग भी लगातार उठ रही है।

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