ओडिशा: उच्च न्यायालय में लंबित मामले पर सार्वजनिक बयान देने पर हाईकोर्ट सख्त

ओडिशा हाईकोर्ट ने बेरहामपुर के एसपी सरवणा विवेक एम को नोटिस जारी कर यह पूछा है कि उन्होंने एक चल रहे अदालत के मामले पर सार्वजनिक टिप्पणी क्यों की। अदालत ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि यह आचरण न्यायालय की अवमानना के दायरे में आ सकता है। न्यायमूर्ति शशिकांत मिश्रा की एकल पीठ ने शुक्रवार को आदेश जारी करते हुए बेरहामपुर एसपी से 7 नवंबर तक लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा है।

SP ने मीडिया में चुनाव याचिका से जुड़ी जांच का किया था जिक्र
दरअसल, एसपी सरवणा विवेक ने 22 अक्तूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बेरहामपुर से भाजपा विधायक के खिलाफ दायर चुनाव याचिका से जुड़े बयान दिए थे। यह याचिका फिलहाल हाईकोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने दावा किया था कि यह याचिका सिबा शंकर दास के एक घरेलू कर्मचारी के नाम पर दाखिल की गई थी, जबकि वास्तव में इसे दास ने खुद दाखिल किया था और इसके कानूनी खर्च पूर्व बीजेडी विधायक बिक्रम पांडा ने उठाए थे।

हाईकोर्ट ने कहा- लंबित मामले पर टिप्पणी अस्वीकार्य
अदालत ने कहा अगर यह बयान सही है, तो यह चिंताजनक है कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने अदालत में विचाराधीन मामले पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की। ऐसा व्यवहार न केवल अनुचित है, बल्कि यह न्यायिक प्रक्रिया पर असर डाल सकता है।हाईकोर्ट ने एसपी से यह स्पष्ट करने को कहा कि किन परिस्थितियों में उन्होंने ऐसा बयान दिया और क्यों न इसे न्यायालय की अवमानना माना जाए।

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