
ओडिशा सरकार ने अपने सभी विभागों, सार्वजनिक और शैक्षणिक संस्थानों और अन्य से आधिकारिक संचार में ‘हरिजन’ शब्द का प्रयोग बंद करने को कहा है। अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति विकास, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के आयुक्त-सह-सचिव ने 12 अगस्त को इस संबंध में एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में अधिकारियों को सुझाव दिया गया है कि संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत वर्णित अनुसूचित जातियों से संबंधित व्यक्तियों को इंगित करने के लिए हरिजन की बजाय ‘अनुसूचित जाति’ और अंग्रेजी में शब्द का इस्तेमाल किया जाए।
विभागों को अपने कर्मचारियों को भी इस बारे में शिक्षित करने के निर्देश
अधिकारियों ने बताया कि यह पत्र राज्य के सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और आयुक्त-सह-सचिवों को भेजा गया है। एक अधिकारी ने बताया कि, ‘विभागों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि ‘हरिजन’ शब्द किसी भी आधिकारिक संचार, अभिलेखों, लेन-देन, जाति प्रमाण पत्र, प्रकाशनों, विभागीय नामों या किसी अन्य रूप में प्रयोग में न आए।’ विभागीय अधिकारियों को अपने कर्मचारियों को इस बारे में शिक्षित करने और मौजूदा दस्तावेजों व अभिलेखों में भी सुधार का निर्देश दिया गया है।
केंद्र सरकार भी लगा चुकी है रोक
सरकार ने विभागों को इस मामले में की गई कार्रवाई पर एक अनुपालन रिपोर्ट भी देने को कहा है। राज्य सरकार का यह निर्देश ओडिशा मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों के बाद आया है। जिसमें ‘हरिजन’ शब्द के प्रयोग पर रोक लगाई गई है। गौरतलब है कि 1982 में केंद्र ने सभी राज्य सरकारों से दलितों के लिए ‘हरिजन’ शब्द का प्रयोग न करने को कहा था। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में भी साल 2013 में सभी राज्यों को न केवल जाति प्रमाणपत्रों बल्कि सभी आधिकारिक संचार में ‘हरिजन’ शब्द का इस्तेमाल न करने का निर्देश दिया गया था। ओडिशा विधानसभा ने भी ‘हरिजन’ शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।