
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात की राजधानी गांधीनगर में रोड शो के बाद एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को शुरू देश की सेना ने किया था, लेकिन इसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी देश की 140 करोड़ जनता की है. उन्होंने देश के नागरिकों से इसमें सहयोग करने का आह्वान किया. इसके लिए उन्होंने विदेशी सामानों की जगह देश में बनी वस्तुओं का इस्तेमाल अपने दैनिक जीवन ने करने के लिए कहा. इससे देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी.
नीति आयोग के सीईओ बीवी आर सुब्रह्मण्यम ने 24 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ने जानकारी दी कि भारत जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. भारत की इकोनॉमी 4.187 ट्रिलियन डॉलर की है. जबकि जापान की इकोनॉमी 4.186 ट्रिलियन डॉलर है. इस वक्त भारत से आगे जर्मनी, चीन और अमेरिका है. अब भारत का लक्ष्य दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने का है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने की जिम्मेदारी देश के नागरिकों की है. उन्होंने कहा, ”लड़ाई सिर्फ बॉर्डर पर नहीं लड़ी जा रही है. ये लड़ाई आपके घर में हेयरपिन और टूथपिक से शुरू होती है.” उन्होंने लोगों से देश के अंदर छुपे हुए विदेशी प्रोडक्ट्स की भरमार से भी लड़ने की बात कही. उन्होंने घर, बाजार, त्योहार, हर जगह से विदेशी सामान को हटाने की अपील की. तभी 2047 तक भारत एक मजबूत विकसित अर्थव्यवस्था बनने के अपने मुकाम को हासिल कर पाएगा.
विदेशी सामानों पर निर्भरता कम होगी, तो घरेलू उद्योग मजबूत होंगे, स्थानीय कारीगरों के रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, आयात में कमी आएगी तो विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धि होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुकानदारों और व्यवसायियों को भी देश में बने सामानों को बेचने का आग्रह किया. बता दें कि भारत दुनिया के लगभग 140 देशों से 6000 वस्तुओं का आयात करता है. इनमें चीन से कुल आयात का लगभग 13.7 परसेंट इम्पोर्ट किए जाते हैं. इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स और गाड़ियों के पार्ट्स वगैरह भी शामिल हैं. हालांकि, भारत विदेशी सामानों पर निर्भरता को कम करते हुए ‘मेक इन इंडिया’ पहल पर जोर दे रही है.
भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत कार कुल आयात (माल और सेवाएं) 918.93 अरब डॉलर (79.02 लाख करोड़ रुपये) का था. वहीं, 2023-24 में 854.80 अरब डॉलर लगभग 73.51 लाख करोड़ रुपये का आयात किया था. ऐसे में अगर भारत घरेलू उत्पादन पर अधिक जोर देते हुए विदेशी सामानों पर अपनी निर्भरता कम कर दें, तो अर्थव्यवस्था अधिक मजबूत होगी. देश में तकनीकि और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा. इससे इकोनॉमी के साथ-साथ इंडस्ट्रीज को भी फायदा पहुंचेगा.
अपने देश में लोग हर रोज कई विदेशी सामानों का इस्तेमाल करते हैं. इनमें तरह-तरह के विदेशी ब्रांड के कपड़े, शेविंग क्रीम, ब्लेड, टेलकम पाउडर, नेचुरल जूस, पेन किलर बाम, साबुन, डिटर्जेंट पाउडर, बैटरी, फेश वॉश वगैरह. ऐसे में विदेशी सामानों की खरीदारी से बचने के लिए ब्रांड पर फोकस करें, देखें की कंपनी कहां की है, लोकल प्रोडक्ट्स को अहमियत दें.
भारत की इकोनॉमी को लेकर हाल ही में ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ के कारण भले ही दुनियाभर में व्यापार को लेकर अनिश्चितता है, लेकिन भारत की स्थिति मजबूत बनी हुई है. वजह यह है कि भारत का घरेलू मार्केट बहुत बड़ा है. सरकार का फोकस पर्सनल कंजप्शन को बढ़ाने के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने पर भी है. इससे वैश्विक मांग को कम करने पर मदद मिलेगी.
भारत डिफेंस सेक्टर में भी स्वदेशीकरण को बढ़ावा दे रहा है. सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है ताकि आयात पर निर्भरता कम हो. इतना ही नहीं, भारत ने रक्षा निर्यात को भी बीते एक दशक में 30 गुना बढ़ा दिया है. भारत का डिफेंस इक्विपमेंट्स और सिस्टम कितना मजबूत है, इसकी झलक हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान देखने को मिली. इस दौरान पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए चीनी मिसाइलों व एयर डिफेंस सिस्टम को भारत के स्वदेशी रक्षा उपकरणों और एयर डिफेंस सिस्टम ने मात दिया.
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जनबल से ही सफल होगा. यही जनबल तब पैदा होगा जब हम अपनी मिट्टी से जुड़ी चीजें अपनाएंगे, जिनमें देश के नागरिकों के पसीने की महक हो. उन्होंने देश की जनता से भारत में उपलब्ध सामानों के इस्तेमाल की बात कही. पीएम मोदी ने कहा, ”बस 1-2 प्रतिशत वस्तुएं होंगी जो विदेश से लेनी पड़ें, बाकियों के लिए ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड पर गर्व करें.”