
जयपुर पुलिस ने नकली नोट गैंग पर नकेल कस दी। बड़ी कार्रवाई करते हुए 43 लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए गए हैं। एसओजी ने इस मामले में संलिप्त पांच आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। पढ़ें पूरी खबर।
जयपुर दक्षिण और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई में पुलिस ने जाली भारतीय मुद्रा छापने और चलाने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से ₹43 लाख 24 हजार रुपए की नकली करेंसी बरामद की है। यह करेंसी 500 रुपए के नोटों में थी, जिन पर वाटरमार्क और थ्रेड जैसे सिक्योरिटी फीचर नकली तौर पर बनाए गए थे।
एसओजी के उपमहानिरीक्षक परिस देशमुख (IPS) और जयपुर दक्षिण के पुलिस उपायुक्त राजर्षि राज (IPS) के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई। एसओजी के निरीक्षक विजय कुमार राय ने 16 अक्टूबर की रात थाना नारायण विहार की SHO गुंजन सोनी को सूचना दी, जिसके बाद एसीपी ललित किशोर शर्मा और एसीपी आदित्य काकड़े (IPS) के सुपरविजन में संयुक्त टीम गठित कर दबिश दी गई।
18 लाख के प्रिंटेड नोट पेपर शीट बरामद किए
टीम ने मौके से ₹23 लाख की नकली करेंसी और ₹18 लाख के प्रिंटेड नोट पेपर शीट बरामद किए, जो कि कुल मिलाकर 43 लाख की नकली करेंसी थी। पुलिस ने मौके से पेपर कटर, पारदर्शी कांच, लकड़ी का फ्रेम (वाटरमार्क छापने हेतु), स्केल, और कटिंग के बाद बची कतरनें भी जब्त कीं।
गिरफ्तार आरोपियों में राजेंद्र चौधरी (27) निवासी हबसपुरा, शंकरलाल चौधरी (23) निवासी देवपुरा, मनोज उर्फ गणपति बिश्नोई (30), बलकरण उर्फ बलदेव बिश्नोई (31) और मदनलाल सिंवार (28) शामिल हैं, जो सभी जयपुर और बीकानेर जिले से हैं।
अभियुक्तों ने स्वीकार किया शामिल होना
अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि वे नकली नोटों को असली के रूप में चलाने और आर्थिक लाभ कमाने के लिए इस अवैध कारोबार में शामिल थे। जांच में सामने आया कि आरोपी पहले भी राजस्थान और पंजाब में जाली नोटों के मामलों में पकड़े जा चुके हैं। मामले में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 178, 179, 180, 181, 182, 111(2)(ख), और 111(4) के तहत प्रकरण दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।