
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर मीडिया को अपने निशाने पर लिया है। इस बार ट्रंप मीडिया पर किसी रैली या उग्र भाषण के जरिए नहीं बल्कि अदालती कार्रवाई के जरिए हमला कर रहे हैं।
ट्रंप ने सीबीएस न्यूज और द वॉल स्ट्रीट जर्नल के खिलाफ मानहानि के मुकदमे दायर किए हैं। उन्होंने डेस मोइनेस रजिस्टर पर भी मुकदमा दायर किया है, क्योंकि उसने 2024 के चुनाव से ठीक पहले एक पोल प्रकाशित किया था, जिसमें डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस के समर्थन को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था। इसे लेकर ट्रंप ने चुनाव में हस्तक्षेप और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।
ट्रंप के निशाने पर अमेरिकी मीडिया
बता दें, ये मुकदमे ट्रंप द्वारा अपने पहले कार्यकाल और 2021 से 2025 के बीच पद से बाहर रहने के दौरान मीडिया के खिलाफ दायर किए गए अन्य मुकदमों के अलावा हैं।
ट्रंप की शिकायतों के मूल में एक जाना-पहचाना राग यह है कि मीडिया न केवल पक्षपाती है, बल्कि बेईमान, भ्रष्ट और खतरनाक भी है।
मानहानि की परिभाषा को फिर से परिभाषित करना चाहते हैं ट्रंप
राष्ट्रपति ट्रंप सिर्फ अपने बारे में की गई रिपोर्टिंग से ही नाराज नहीं है, जो उन्हें अनुचित लगती है बल्कि वे मानहानि की परिभाषा को फिर से परिभाषित करना चाहते हैं और सरकारी अधिकारियों के लिए मुआवजा मांगना आसान बनाना चाहते हैं।
आपको बता दें कि मानहानि का मुकदमा एक सिविल क्षति का दावा होता है जिसमें तब मुआवजा मांगा जाता है जब कोई व्यक्ति यह मानता है कि उसके बारे में कुछ गलत छापा या प्रकाशित किया गया है जिससे उसकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।
ट्रंप ने सुलिवन मामले को पलटने की कही थी बात
इस तरह से मानहानि को फिर से परिभाषित करने के लिए न्यूयॉर्क टाइम्स कंपनी बनाम सुलिवन मामले में सुप्रीम कोर्ट के 1964 के फैसले को पलटना होगा, जो अमेरिकी संवैधानिक इतिहास में पहले संशोधन के सबसे महत्वपूर्ण कानूनी फैसलों में से एक है।
ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने पहले प्रचार अभियान के दौरान सुलिवन मामले को पलटने की बात को चर्चा का विषय बनाया था; अब उनके मुकदमों ने उस धमकियों को अमल में ला दिया है।