एक और हुर्रियत नेता ने अलगाववाद से बनाई दूरी, अमित शाह की कश्मीर यात्रा के दौरान ली देश के प्रति निष्ठा की शपथ

बीते हफ्ते जम्मू-कश्मीर के दो अन्य संगठन JK-DPM और JKPM ने खुद को हुर्रियत से अलग करने की घोषणा की थी. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसकी तारीफ की थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार (5 अप्रैल,2025) की शाम अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे. इस दौरान अमित शाह पाकिस्तानी सीमा से सटी फॉरवर्ड पोस्ट का दौरा करेंगे और घुसपैठ को रोकने के उपायों का जायजा लेंगे. इसके अलावा वह अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता करेंगे.

अमित शाह की तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर की यात्रा के दूसरे दिन एक अन्य अलगाववादी नेता ने हुर्रियत के साथ अपने रिश्तों को खत्म करने का ऐलान कर दिया. कश्मीर फ्रीडम फ्रंट (KFF) के अध्यक्ष और पूर्व हुर्रियत सदस्य बशीर अहमद अंद्राबी ने रविवार (6 अप्रैल,2025) को हुर्रियत से अलग होने की घोषणा कर दी और बिना किसी शर्त के भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की प्रतिज्ञा ली.

अंद्राबी ने किया सार्वजनिक ऐलान

KFF के अध्यक्ष बशीर अहमद अंद्राबी ने अपना साइन किया एक घोषणापत्र सार्वजनिक किया. इस घोषणापत्र में अंद्राबी ने कहा, “अब से मेरे और मेरे संगठन ‘कश्मीर फ्रीडम फ्रंट’ (KFF) का अन्य किसी अलगाववादी दल के साथ कोई भी संबंध नहीं है. KFF का सभी दलों के साथ हुर्रियत सम्मेलन-चाहे वह जिलानी या मिरवाइज (एम) गुट हो या कोई अन्य अलगाववादी समूह हो, उसके साथ कोई संबंध नहीं है.”

अंद्राबी ने अपनी घोषणा में कहा, “हम ऑल पार्टी हुर्रियत सम्मेलन की विचारधारा का दृढ़ता से विरोध करते हैं, क्योंकि यह जम्मू और कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं और शिकायतों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने में विफल रहा है.”इसके अलावा अंद्राबी ने कानूनी कार्रवाई की धमकी भी दी है. उसने चेतावनी दी है कि वह अब से हुर्रियत या किसी भी संबंधित गुट के साथ उसके संगठन के नाम का कोई भी अनधिकृत उपयोग सख्त कानूनी कार्रवाई को आमंत्रित करेगा. अंद्राबी ने इस बात की पुष्टि की है, “मेरा संगठन और मैं भारत के संविधान को बनाए रखने के लिए समर्पित हैं. हमारा भारत के हितों के खिलाफ काम करने वाले किसी भी समूह से कोई संबंध नहीं है.”

पिछले हफ्ते दो समूहों ने अलगाववाद से किया था किनारा

KFF संगठन ने यह कदम पिछले हफ्ते दो समूहों की ओर से अलगाववादी रास्ते को छोड़ने का बाद उठाया है. पिछले हफ्ते जम्मू और कश्मीर तहरीक-ए-इटिकामत के अध्यक्ष गुलाम नबी युद्ध ने APHC गुटों के साथ सार्वजनिक रूप से सभी संबंधों को काट दिया था. इस दौरान उसने कहा था कि हुर्रियत ने अपनी “जमीन खो दी थी” और “लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए हर कदम पर विफल रहा है.” युद्ध की घोषणा से एक दिन पहले, दो अन्य संगठन, जम्मू और कश्मीर डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट (JK-DPM) और जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM), ने सार्वजनिक रूप से हुर्रियत से खुद को अलग कर दिया था और यह एक ऐसा कदम है, जिसकी गृह मंत्री अमित शाह ने प्रशंसा की.

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