उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार और बीजेपी चीफ बदलने की चर्चा तेज, हाईकमान के फैसले का इंतजार

कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के बीच कुछ मौजूदा मंत्रियों के हटने की भी संभावनाएं जताई जा रही हैं. उत्तराखंड में इन दिनों राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं जोरों पर हैं. इसके साथ ही प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को बदलने को लेकर भी सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं. इन दोनों अहम फैसलों पर प्रदेशभर की नजरें दिल्ली पर टिकी हुई हैं, जहां बीजेपी हाईकमान इस पर मंथन कर रहा है कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री धामी के साथ कई विधायकों को भी दिल्ली बुलाया गया. इनमें केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल, हरिद्वार जिले की रानीपुर विधानसभा सीट से विधायक आदेश चौहान, रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा, देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी, धनौल्टी विधायक प्रीतम पंवार, राजपुर रोड विधायक खजान दास, गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय और रुद्रपुर विधायक शिव अरोड़ा शामिल हैं. इन नेताओं ने दिल्ली में बीजेपी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम से मुलाकात की.

उत्तराखंड सरकार में इस समय कैबिनेट के पांच पद खाली हैं. राज्य में कुल 12 मंत्री बनाए जा सकते हैं, लेकिन वर्तमान में केवल सात मंत्री ही कार्यरत हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास अकेले 50 से अधिक विभागों की जिम्मेदारी है, जिससे मंत्रिमंडल विस्तार की आवश्यकता महसूस की जा रही है. कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के बीच कुछ मौजूदा मंत्रियों के हटने की भी संभावनाएं जताई जा रही हैं. माना जा रहा है कि हाईकमान मंत्रिमंडल में युवा और नए चेहरों को मौका दे सकता है. इसके लिए मुख्यमंत्री धामी खुद दिल्ली जाकर हाईकमान से मुलाकात कर चुके हैं

किसी नए चेहरे की ताजपोशी!
कैबिनेट विस्तार और प्रदेश अध्यक्ष बदलने को लेकर प्रदेश के बीजेपी नेताओं की धड़कनें तेज हो गई हैं. सभी की नजरें दिल्ली हाईकमान के फैसले पर टिकी हुई हैं. माना जा रहा है कि हाईकमान जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय ले सकता है.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कैबिनेट विस्तार में युवा चेहरों को मौका मिलने की संभावना है, जबकि प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी किसी नए चेहरे की ताजपोशी हो सकती है

उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को बदलने की अटकलों से सियासी पारा चढ़ा हुआ है. मुख्यमंत्री धामी और विधायकों का दिल्ली दौरा इस बात का संकेत है कि जल्द ही बड़े फैसले हो सकते हैं. प्रदेशभर के नेताओं की निगाहें बीजेपी हाईकमान पर टिकी हैं, जो आने वाले दिनों में राज्य की सियासत का रुख तय करेगा.

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