उत्तराखंड : प्रदेश में अकेले उत्तरकाशी में 70% बगीचे तबाह

प्रदेश में अकेले उत्तरकाशी जिले में सेब, प्लम, खुमानी के 70 फीसदी बगीचे तबाह हो गए। आपदा ग्रामीणों के घर, बाग और बगीचे सब निगल गई। उद्यान विभाग की एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में 10480.18 हेक्टेयर बगीचों में से 7502.59 हेक्टेयर का उत्तरकाशी जिले में नुकसान हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि आपदा उन्हें सड़क पर ले आई।

उत्तरकाशी के धराली निवासी जय भगवान पंवार बताते हैं कि उनका होटल, घर और सेब के बगीचे सब आपदा में तबाह हो गया। गांव में पांच नाली भूमि पर उनके दो सौ सेब के पेड़ थे, घर और होटल था। जब वह इंटरमीडिएट में पढ़ते थे तभी से उन्होंने थोड़ा-थोड़ा जोड़कर शुरू किया था। स्थानीय माधवेंद्र सिंह रावत बताते हैं कि मलबे में कई ग्रामीणों के सेब के बगीचे दब गए। जिनके बचे हैं, सड़कें जगह-जगह बंद होने की वजह से वह अपनी फसलों को बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं।

धान और राजमा की फसल भी बर्बाद

उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी, क्यार्क और रैथल में आलू, राजमा, धान, सोयाबीन और चौलाई की एक हेक्टेयर से अधिक फसल को नुकसान हुआ है। जबकि धराली में सेब और राजमा की तीन हेक्टेयर से अधिक एवं जखोल, सुनकुण्डी, धारा, पांव मल्ला, पांव तल्ला व नूराणु में आलू, राजमा, मडुवा की 3.903 हेक्टेयर में फसल को नुकसान हुआ है। राज्य में 117 हेक्टेयर से अधिक कृषि फसलों को नुकसान हुआ है।

टिहरी में 1565 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बगीचों को नुकसान

प्रदेश में टिहरी जिला बगीचों को हुए नुकसान में दूसरे स्थान पर है। यहां 1565 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बगीचों को नुकसान हुआ है। जबकि देहरादून जिले के डोईवाला, रायपुर, चकराता और विकासनगर में 955 हेक्टेयर से अधिक में बगीचों को नुकसान हुआ है।

Related Articles

Back to top button