उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान 80 तीर्थयात्रियों की मौत, स्वास्थ्य संबंधी कारणों से गई जान

 उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 80 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में वृद्ध और पूर्व बीमारी से गृसित लोग शामिल हैं. सबसे अधिक मौतें स्वास्थ्य संबंधी कारणों से हुईं.

क्या होता है Altitude Sickness?
Altitude Sickness एक ऐसी शारीरिक स्थिति है जो अधिक ऊंचाई पर जाने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी के कारण उत्पन्न होती है. जैसे-जैसे व्यक्ति ऊंचे स्थान पर चढ़ता है, हवा का दबाव और उसमें मौजूद ऑक्सीजन की मात्रा घटती जाती है. इससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और सांस लेने में कठिनाई होने लगती है,यह बीमारी उन लोगों को अधिक प्रभावित करती है जो खास कर मैदानी इलाकों में रहते हैं और ऊंचाई पर रहना उनके शरीर के लिए नया अनुभव होता है.

आंकड़ों के मुताबिक, चारधाम यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा मौतें केदारनाथ धाम में 34, बदरीनाथ धाम में 16, यमुनोत्री धाम में 12, गंगोत्री धाम में 9 मौते हुई हैं. वहीं इसके अलावा 9 यात्रियों की मौत अन्य कारणों से हुई है. हालांकि, राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि इस वर्ष चिकित्सा सुविधाएं पहले से बेहतर हैं, लेकिन इसके बावजूद 50 वर्ष से ऊपर के कई श्रद्धालु बिना जरूरी स्वास्थ्य जांच के यात्रा पर निकल पड़ते हैं, जिससे घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.

क्या है इस बीमारी के लक्षण
Altitude Sickness के लक्षण व्यक्ति विशेष की सहनशक्ति, आयु और चढ़ाई की गति पर निर्भर करते हैं. आमतौर पर इसके लक्षण ऊंचाई पर पहुंचने के पहले या दूसरे दिन दिखने लगते हैं. इस बीमारी के कुछ सामान्य कारण हैं जैसे सिरदर्द, मतली और उल्टी, भूख न लगना, नींद न आना, थकान और कमजोरी, चक्कर आना और सांस लेने में परेशानी शामिल है.

क्यों होता है Altitude Sickness
जब कोई व्यक्ति समुद्र तल से ऊपर 8 हजार फीट या उससे अधिक ऊंचाई पर तेजी से चढ़ाई करता है, तो वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम हो जाती है. शरीर को ऊंचाई के साथ तालमेल बैठाने में समय चाहिए, लेकिन जब यह प्रक्रिया तेजी से होती है, तो शरीर ऑक्सीजन के लिए संघर्ष करता है और लक्षण प्रकट होने लगते हैं

इस बीमारी की चपेट में सब से अधिक 50 साल से ऊपर के लोग आते है जैसे पहले से हृदय या श्वास रोग से पीड़ित,उच्च रक्तचाप या मधुमेह के रोगी,जो पहली बार ऊंचाई वाले इलाके में जा रहे हैं,अत्यधिक मोटापे या शारीरिक कमजोरी वाले लोग शामिल है.चारधाम यात्रा एक पवित्र और आध्यात्मिक अनुभव है, लेकिन इसे पूरी सतर्कता और जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए. Altitude Sickness एक ऐसी सच्चाई है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, सरकार और स्वास्थ्य विभाग अपनी ओर से कोशिश कर रहे हैं, लेकिन तीर्थयात्रियों को भी चाहिए कि वे अपनी सेहत को प्राथमिकता दें. धार्मिक आस्था ज़रूरी है, लेकिन उससे भी ज़रूरी है स्वस्थ शरीर इसलिए तैयारी के साथ यात्रा करें और सुरक्षित रहें.

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