इजरायल-ईरान के बीच रात कैसे गुजरी, कब कौन किस पर कर रहा था हमले? जानें 12 घंटे की पूरी डिटेल

इजरायली सेना ने कहा कि वह कम से कम दो हफ्तों तक ऑपरेशन जारी रखने के लिए तैयार है. ईरान और इजरायल के बीच टकराव अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है. दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइल और हवाई हमलों के जरिए हमला कर रहे हैं. यह इजरायल का ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभियान माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य तेहरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकना है.

तेल अवीव और यरूशलम में शनिवार सुबह तेज सायरनों की आवाज गूंज उठी. ईरान की तरफ से दागी गई कई मिसाइलें इजरायल की ओर बढ़ती देखी गईं, जिससे लोगों में दहशत फैल गई और वे बंकरों में शरण लेने लगे. इजरायली डिफेंस सिस्टम ने मिसाइलों को रोकने की कोशिश की.

ईरान के हवाई हमले की तीसरी लहर शुरू
ईरान ने शुक्रवार रात दो बार हवाई हमला किया था और शनिवार सुबह उसने तीसरी लहर शुरू कर दी. सुप्रीम लीडर खामेनेई ने इजरायल पर युद्ध शुरू करने का आरोप लगाया है और जवाबी कार्रवाई जारी रखने की चेतावनी दी है.

कुछ ईरानी मिसाइलें तेल अवीव में गिरीं
इजरायली सेना (IDF) ने बताया कि ईरान की तरफ से बड़ी संख्या में बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च की गईं. इनमें से अधिकतर मिसाइलों को एयर डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट कर लिया, लेकिन कुछ मिसाइलें तेल अवीव में गिरने में सफल रहीं. हालांकि इजरायल ने अभी तक मृतकों की संख्या जारी नहीं की है, लेकिन कुछ घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और राहत व बचाव कार्य जारी है.

तेहरान में विस्फोट, राष्ट्रपति निवास के पास हलचल
दूसरी ओर ईरान के तेहरान स्थित हवाई अड्डे पर विस्फोट की खबर आई है. साथ ही शनिवार सुबह सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई के आवास और राष्ट्रपति के घर के पास हवाई गतिविधियां देखी गईं. ईरानी सेना ने दावा किया है कि उन्होंने इजरायल का एक ड्रोन मार गिराया है.

झड़प की शुरुआत कैसे हुई?
इजरायल ने 13 जून को सुबह-सुबह ईरान के परमाणु ठिकानों पर बड़ा हमला किया. इस हमले में ईरान के मुताबिक 78 लोगों की मौत हुई और 320 से अधिक घायल हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत ने दावा किया कि मारे गए लोगों में अधिकांश आम नागरिक हैं, जबकि इजरायल का कहना है कि उसके निशाने पर सेना के अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक थे.

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