आज कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा के लिए रहेगा मात्र 44 मिनट का मुहूर्त, जानें शुभ योग

इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। यह पावन अवसर भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में बड़े हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है।

जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करें ये विशेष भोग

माखन-मिश्री
भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं में माखन और मिश्री का विशेष स्थान है। वे बचपन में चुपचाप घर-घर जाकर माखन चुराते थे, इसी वजह से माखन-मिश्री का भोग उन्हें अत्यंत प्रिय है। जन्माष्टमी के दिन इसका भोग लगाने से श्रीकृष्ण की विशेष कृपा मानी जाती है।

पंचामृत
दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बना पंचामृत शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है। इस दिन श्रीकृष्ण का पंचामृत से अभिषेक करना और इसे भोग स्वरूप अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

पंजीरीधार्मिक पर्वों जैसे जन्माष्टमी और राम नवमी पर पंजीरी का भोग लगाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। यह भगवान को अर्पित किए जाने वाले प्रमुख प्रसादों में से एक है और इसे श्रद्धा से अर्पित करने पर विशेष फल मिलता है।

लौकी या खोए का पाग
जन्माष्टमी पर कई लोग लौकी, खोया, तिल या मूंगफली से बनी हुई विशेष मिठाई (जिसे पाग कहा जाता है) का भोग भी लगाते हैं। यह मिठाई भक्ति और प्रेम का प्रतीक मानी जाती है और इसे प्रसाद रूप में बांटना भी पुण्यदायी होता है।

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